देश की राजनीति में एक बार फिर से तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी हो रही है। गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस गठबंधन के बिना क्षेत्रीय दल तीसरे मोर्चे की कवायद में जुटे हुए हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के प्रयासों के तहत रविवार को महाराष्ट्र के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से अलग-अलग मुलाकात की।
तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि भले ही शिवसेना, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और अन्य पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा मोर्चा गठित करने के लिए साथ आ जाएं, लेकिन इससे राजग को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में लोग खुश हैं।
अठावले ने पुणे में रविवार को संवाददाताओं से कहा, ”भले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर तीसरा मोर्चा बनाने पर बात की, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को इससे कोई खतरा नहीं है।”
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उन्होंने कहा, ”हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और लोग खुश हैं। भले ही शिवसेना और अन्य दल तीसरा मोर्चा गठित कर लें, तो भी हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वर्ष 2024 में भाजपा फिर से सत्ता में आएगी। पांच राज्यों में भी हम जीतेंगे, जहां वर्तमान में चुनाव जारी हैं।”
अठावले ने कहा कि जिस तरह बीजेपी ने 2014 में 282 सीटें और 2019 में 303 सीटें जीती थीं, उसी तरह पार्टी को 2024 के चुनाव में 404 सीटें मिलेंगी। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्षी बीजेपी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप को लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि दोनों दलों के बीच अब जुबानी जंग बंद हो जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ”मैं उद्धव ठाकरे से शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रही जुबानी जंग के बारे में बात करूंगा। हम दोस्त रहे हैं और हाल में हमारे रास्ते अलग हुए। हालांकि, हमें राज्य पर शासन करने के लिए फिर से एक साथ आना चाहिए और समान अवधि के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करना चाहिए। अगर शिवसेना बीजेपी के साथ सत्ता साझा करती है, तो सरकार को और अधिक कोष मिल सकता है और राज्य में बेहतर तरीके से विकास हो सकता है।”