राजनीति में कब क्या हो जाए ये तो कोई नहीं जानता इसलिए नेता कभी भी पार्टी बदलने का मन बना लेते हैं। उपेंद्र कुशवाहा भी इसी तरह पार्टी बदलने की तैयारी में है। जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा अगले महीने तक” पार्टी छोड़ सकते हैं।
इसके बाद उनकी अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी आरएलएसपी को दुबारा बनाने की संभावना है। बता दें आरएलएसपी का उन्होंने साल 2021 में जदयू में विलय कर दिया था। वहीं कुशवाहा के करीबी सूत्रों के मुताबिक रालोसपा को वापस लाने के बाद कुशवाहा भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए आगे कदम बढा सकते है।
भाजपा के कई नेताओं से मिल चुक हैं कुशवाहा
सूत्रों ने कहा कि कुशवाहा की टिप्पणी के बाद जद (यू) के कई शीर्ष नेता भाजपा के संपर्क में हैं। इससे साफ है कि वो पार्टी छोड़ने के का संकेत दे रहे है। कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने की योजना की अटकलें तब से लगाई जा रही हैं। जब बिहार भाजपा के कई नेताओं को मिलने जाते हुए देखा गया था। उन्हें यहां नियमित जांच के लिए भर्ती कराया गया था।
जदयू हो रही है कमजोर – कुशवाहा
वहीं जब कुशवाहा से पार्टी छोड़ने के लिए पूछा तो उन्होंने कहा की जेडियू कमजोर हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी चीजों को “राजनीति के चश्मे से” नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा “यह सच है कि मैं अकेले ही अपना फैसला ले सकता हूं। वह एक दिन पहले नीतीश की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे कि कुशवाहा दो बार जदयू छोड़ चुके हैं और अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
वहीं जदयू के बाकी नेताओं के भाजपा से संपर्क में होने के बारे में कुशवाहा के बयान पर नीतीश से पूछा तो उन्होंने कहा कि कृपया कुशवाहा जी से पूछें। खैर बिहार की राजनीति में बदवाल होते ही रहते है। अब देखने वाली बात होगी की कुशवाहा क्या करते है।
बीजेपी के संपर्क में नहीं कोई नेता – ललन सिंह
वहीं नीतीश कुमार के बयान के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि जदयू का कोई नेता बीजेपी के संपर्क में नहीं है। जो थे उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। अब ये तो उपेन्द्र कुशवाहा ही बताएं कि जदयू का कौन नेता बीजेपी के संपर्क में है। ललन सिंह ने उपेन्द्र कुशवाहा के उस बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि जदयू कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा कि जदयू पहले से मजबूत हो रही है, और उसके सदस्यों की संख्या भी बढ़ कर 75 लाख तक पहुंच गई है।