Uttarakhand: देहरादून में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर प्रशासन हुआ सख्त, जारी किए दिशा निर्देश

लगातार उत्तराखंड में डेंगू के मामले बद रहे है। जिसकी वजह से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।देहरादून में लगातार डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए दून हॉस्पिटल में डेंगू वार्ड भी बना दिया गया है।लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले प्रशासन के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
Uttarakhand: देहरादून में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर प्रशासन हुआ सख्त, जारी किए दिशा निर्देश
Published on
लगातार उत्तराखंड में डेंगू के मामले बद रहे है। जिसकी वजह से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। देहरादून में लगातार डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए दून हॉस्पिटल में डेंगू वार्ड भी बना दिया गया है। लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले प्रशासन के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। 
दरअसल, उत्तराखंड में आई आपदा के बाद से लगातार डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। जिसे लेकर डॉक्टरों का कहना है कि घर के आसपास पानी को जमा ना होने दें और पूरे कपड़े पहने. फिलहाल उत्तराखंड में लगातार बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए प्रशासन भी सख्त हो गया है। प्रशासन की ओर से डेंगू की रोकथाम के लिए एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है। 
जरूरी दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए 
डेंगू के लगातार बढ़ रहे मामलों की रोकथाम के लिए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने नगर निगम देहरादून में अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। जिसमे कहा गया है कि डेंगू को नियंत्रित करने के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुबह साढ़े पांच बजे से छह बजे के बीच फील्ड में निकलें. इसके साथ ही वार्डों में फॉगिंग का काम प्रभावी तरीके से करवाने के लिए तत्काल कार्ययोजना सौंपने और सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त करवाने के निर्देश दिए गए हैं। 
डेंगू के रोगियों की ठीक से देखभाल करना जरूरी-गढ़वाल आयुक्त
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि डेंगू के रोगियों की ठीक से देखभाल करना जरूरी है। इसके अलावा डेंगू को नियंत्रित करने के लिए लार्वीसाइड का छिड़काव और फॉगिंग का काम सुबह सात से दोपहर 12 बजे और दोपहर एक बजे से शाम छह बजे तक दो शिफ्टों में करने के निर्देश दिए गए हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने भी हॉस्पिटल का दौरा कर वहां का जायजा लिया था। 

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com