देवभूमि उत्तराखंड में प्रकृति गुस्से से भर उठी हैं, आए दिन त्रासदी देवभूमि को अपनी जद में लेकर लोगों की जान ले रही हैं, नवीन त्रासदी में अभी तक आईटीबीपी ने करीब 9 लाशे बरामद कर ली हैं, जिनकों बेंस कैंप में रखा गया हैं। नेहरू पर्वतारोहण ने बताया कि करीब 29 पर्वतारोही हिमस्खलन त्रासदी में फंसे हुए है। लेकिन खराब मौसम के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। आईटीबीपी के जवान बरामद लाशों को बेस कैंप में लाकर सुरक्षित स्थान पर ऱख रही हैं।
युद्धस्तर पर बचाव अभियान को अंजाम दे रहे हैं सेना के जवान
बर्फीली तूफान के कारण त्रासदी की जद में फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए सेना के जवान युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्रिय आपदा बचाव के साथ -साथ राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल , राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल , हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल और जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग के विशेषज्ञों की एक टीम कर रही , इनके साथ ही इंडियन व तिब्बत पुलिस भी राहत बचाव कार्य में जुटे हुए हैं ।
सेना ने 16000 फीट पर बनाया बेस कैंप व सुरक्षित हेलिकॉप्टर लैंडिंग ग्राउंंड़
पर्वतारोही को बचाने के लिए भारतीय सेना ने 16000 फीट की उंचाई पर आधुनिक ताकत के साथ हेलिकॉप्टर ग्राउंड भी तैयार किया गया, जिस पर आज सेना ने बचाव के लिए पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से सफलता पूर्वक लैंडिग की गई। सेना ने अपने कई हेलिकॉप्टर को बचाव कार्य के लिए भेजा गया हैं । सेना के जवान पर्वतारोही को बचाने के लिए जुटे हुए हैं , ताकि अधिकाधिक लोगों को बचाया जा सके।
आपको बता दे की उत्तराखंड में बर्फीली तूफान की वजह से फंसे 29 पर्वतारोहियों को तलाश कर रही थी। इस ऑपरेश में 9 लाशे बरामद की हैं। लेकिन अभी तक कई लोगों की फंसे की आशंका हैं, जिसपर पर्वतारोहियों को बचाने के लिए सेना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।