उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटना से नारायणबागर प्रखंड के पंगाटी गांव में बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) मजदूरों के अस्थायी आश्रय स्थल प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आज सुबह करीब 5 बजकर 30 मिनट पर बादल फटने के बाद पहाड़ी से आया मलवा बीआरओ मजदूरों के आशियानों की तरफ कहर बनकर टूटा। जिससे बीआरओ में काम करने वाले मजदूरों की झोपड़ियों को नुकसान हुआ है। साथ ही एक दर्जन से अधिक वाहन मलवे में दबे हैं। बादल फटने की खबर मिलते ही स्थनीय प्रशाशन राहत और बचाव कार्य में जुट गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के पंगाटी गांव में बादल फटने की घटना पर कहा कि स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अनुसार अभी तक इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं। बादल फटने की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग खौफजदा हैं।
स्थानीय जानकारों का कहना है कि नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है। जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के मुताबिक घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।