उत्तराखंड कांग्रेस में सियासी हलचल रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। कांग्रेस में हुई नव नियुक्तियों से नाराज हरीश धामी ने माना है कि कांग्रेस विधायकों में नाराजगी है। जिसके चलते 10 विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं। उन्होंने पार्टी आलाकमान पर अनदेखी का आरोप भी लगाया है। वहीं विधायक ने साफ कहा है कि आज देर शाम नाराज विधायकों की बैठक होगी।
हरीश धामी ने प्रदेश प्रभारी पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस में देवेंद्र यादव ने कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ाई है। उनके अनुसार मुझे तो नहीं लगता कांग्रेस में हरीश या प्रीतम गुट में हैं। गुटबाजी को बढ़ावा देने का काम देवेंद्र यादव ने किया है। गणेश गोदियाल से इस्तीफा लिया तो फिर इस्तीफा देवेंद्र यादव से क्यों नहीं लिया गया।
हरीश धामी ने साफ कहा है कि मैं आहत हूं। उन्होंने कहा कि 2014 में एक बार मैंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपनी विधायकी छोड़ी थी। अगर एक बार फिर मेरे इलाके की जनता कहेगी तो मैं फिर इस्तीफा दें सकता हूं। पुष्कर धामी के लिए भी इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।
वहीं धामी ने साफतौर पर कहा की मैंने करन माहरा और यशपाल आर्य को बधाई दी है। हरीश धामी ने कहा कि करन के लिए तो मैंने ही आवाज उठाई थी कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। मेरी कौन सी सोनिया जी से कोई लड़ाई थी। मेरे लिए तो वो मां की तरह थीं। वही धामी ने सीधेतौर पर साफ कर दिया है कि बड़ी संख्या में विधायक नाराज हैं। हम बात कर रहे हैं और सब विकल्पों पर विचार भी कर रहे हैं। हरीश धामी ने आगे कहा कि वो बहुत आहत हैं। उन्होंने हरीश रावत के लिए 2014 में विधायकी छोड़ी थी। लेकिन उन्हें क्या मिला।