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उत्तराखंड बाढ़ : राहत एवं बचाव कार्य में जुटीं सेना और भारतीय वायुसेना की टीमें

नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में आयी बाढ़ के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग के लिए अन्य एजेंसियों के साथ सेना और भारतीय वायुसेना की टीमें भी जुट गई हैं।

नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में आयी बाढ़ के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग के लिए अन्य एजेंसियों के साथ सेना और भारतीय वायुसेना की टीमें भी जुट गई हैं। 
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए करीब 400 सैनिक और दो मेडिकल टीमें भेजी हैं। 
उन्होंने बताया कि जोशीमठ के रिंगी गांव में सेना के इंजीनियरिंग टास्क फोर्स का एक दल भी तैनात किया गया है। यहां नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। 
नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट कर गिरने के कारण रविवार को धौली गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई। त्रासदी में अलकनंदा नदी पर बनी पनबिजली परियोजना पूरी तरह बर्बाद हो गई। त्रासदी में अभी तक कम से कम सात लोगों के मरने और 125 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, ऐसी आशंका है कि उनकी भी मौत हो चुकी है। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई अमूल्य जनहानि से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए बरेली से सशस्त्र बलों के दो हेलीकॉप्टर को जोशीमठ भेजा गया है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में आयी आपदा की तस्वीरें देख रहा हूं। इस मुश्किल वक्त में हम आपदा से प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं। उत्तराखंड के लोगों की हिफाजत की प्रार्थना कर रहे हैं।’’ 
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बचाने के लिए असैन्य प्रशासन की सहायता में कई हेलीकॉप्टर भेजे हैं। 
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के सी-130 और एएन32 विमानों की मदद से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों को प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया गया है। 
अधिकारियों ने बताया कि देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे से एनडीआरएफ कर्मियों को जोशीमठ ले जाने के लिए वायुसेना ने तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। 
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में फिल्ड अस्पताल लगाए जा रहे हैं। 
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के मरीन कोर कमांडो को भी प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य में तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है। 
अफवाहों से बचे, मुसीबत में फंसे लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन 
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बह गया। यहीं धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया। केंद्रीय मंत्री व उत्तराखंड से सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आपदा की इस घड़ी में किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने की अपील की है। निशंक के मुताबिक, मुसीबत में फंसे लोग मदद के लिए सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। 
दरअसल, यहां ग्लेशियर टूटने से गंगा में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। राज्य सरकार ने इसके मद्देनजर चमोली से हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर किया है। 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। सीएम ने चमोली जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण भी किया है। 
वहीं केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, ‘चमोली जिले के पास ग्लेशियर टूटने से आए प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावितों के राहत एवं बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा 1070 एवं 9557444486 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। सभी नागरिकों से मेरा अनुरोध है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचते हुए मदद पाने के लिए इन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।’ 
उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ा प्राकृतिक प्रकोप आया है। राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन सहित सभी एजेंसियों के माध्यम से इस संकट से निपटने के लिए पूर्ण तत्परता एवं सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। 
निशंक ने कहा, ‘सभी नागरिकों से मेरा अनुरोध है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें एवं सरकार द्वारा जारी सूचनाओं एवं निर्देशों को ध्यान में रखें। उत्तराखंड में उत्पन्न हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार केंद्र भी निगरानी कर रहा है।’

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