उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया। इस घोषणा के बाद राज्य के सभी सिनेमाघरों, आंगनबाड़ केन्द्रों को भी आगामी 31 मार्च तक के लिये बन्द करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की अध्यक्षता में आज शाम हुई मंत्री परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया। इसकी जानकारी बाद में शासकीय प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेज्ञूलेशन एक्ट -2020 को लागू करने का निर्णय लिया है।
सरकार के पास कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के अधिकार होंगे। सभी स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर को बन्द रखा जाएगा। केवल मेडिकल कॉलेज खुले रहेंगे। लोगों को एक स्थल पर एकत्र होने से रोका जाएगा। अवहेलना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एक से छह माह के कारावास का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य के पास पर्याप्त संसाधन एवं उपकरण उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि शासकीय मेडिकल कॉलेज में सृजित पदों के सापेक्ष 11 माह के लिए 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त पदों की स्वीकृति होगी। स्वास्थ्य विभाग में रिक्त नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की अनुमति होगी। आईसोलेशन वार्ड, आईसीयू तैयार, उपकरण, दवा आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया गया है।
कैबिनेट ने भविष्य में कोरोना की तीव्रता बढ़ने पर प्री-फेब्रिकेटेड 100 बेड का हॉस्पिटल तैयार करने के साथ निजी भवन, चिकित्सा ईकाई भवन को जरूरत पड़ने पर अस्पताल बनाये जाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए 140 विभागीय एम्बुलेंस को एलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही, बसों में सेनिटेशन (साफ-सफाई) के लिए निगम एवं प्राईवेट ऑपरेटर व्यवस्था करेंगे। 104 हेल्पलाईन नम्बर शुरू किया गया है।
श्री कौशिक ने बताया कि सभी होटल व्यवसायियों को एडवायजरी जारी की गयी है। ग्राम सभाओं, आशा कार्यकर्ताओं को भी इस अभियान से जोड़ जाएगा।