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उत्तराखंड : CM धामी का बड़ा ऐलान, भंग किया चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय अस्तित्व में आया था। जिसे मौजूदा धामी सरकार ने भंग कर दिया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को पलटते हुए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया है। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। जिसे मौजूदा धामी सरकार ने भंग कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ऐलान करते हुए कहा, ‘‘आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्री मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।’’

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इससे पहले, ध्यानी समिति ने रविवार शाम को अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी जिस पर उन्होंने इसका परीक्षण कर जल्द निर्णय लेने की बात कही थी। चारों हिमालयी धामों-बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड के विरोध में लंबे समय से चलाए जा रहे आंदोलन के मद्देनजर धामी ने जुलाई में बीजेपी नेता ध्यानी की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था।
बोर्ड के गठन को अपने पारंपरिक अधिकारों का हनन बताते हुए चारों धामों के तीर्थ पुरोहित इसे भंग करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चला रहे थे। निकट आ रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्होंने आंदोलन तेज करने की धमकी दी थी। धामी सरकार के इस निर्णय को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है ।
देवस्थानम अधिनियम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 2019 में पारित हुआ था जिसके तहत चार धामों सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन किया गया था। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने के ऐलान होने पर केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी जताई है। 

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