उत्तराखंड के चमोली जिले के उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए रविवार को बंद कर दिए गये। श्री हेमकुंड गुरुद्वारा ट्रस्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह 10 बजे सुखमनी साहिब का पाठ हुआ, जिसके बाद कीर्तन और अरदास के बाद जयकारों की गूंज के साथ पंज प्यारों की अगुवाई तथा फ़ौजियों की देख-रेख में गुरु ग्रन्थ साहिब को बैंड बाजों के साथ सुखासन स्थान पर ले जाया गाया।
18 सितंबर को शुरू हुई थी यात्रा-
कपाट बंद होने के समय भारी ठंड के बावजूद गुरुद्वारे में 1800 श्रद्धालु मौजूद थे। कोविड-19 महामारी के कारण चारधामों की तरह श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा भी इस साल तय समय से देरी से 18 सितंबर को शुरू हुई। करीब 4,633 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब में इस वर्ष मत्था टेकने करीब 11,000 श्रद्धालु पहुँचे। सर्दियों में भारी बर्फवारी की चपेट में रहने के कारण श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है जो अगले साल मई में फिर से खुलता है।
बता दें कि देश में जारी कोविड के चलते इस साल 18 सितंबर से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हुई। उसके बावजूद यहां पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे। वहीं, हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि अत्यधिक ठंड और विपरीत मौसम को देखते हुए ट्रस्ट ने 10 अक्तूबर को कपाट बंद करने का निर्णय लिया है। बताया कि कपाट बंदी के दौरान ट्रस्ट के प्रधान सरदार जनक सिंह, जनरल सेक्रेटरी सरदार रविंदर सिंह सहित सेना की इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारी और जवान भी मौजूद रहे।