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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गन्ना किसानों के खाते में 14 करोड़ की धनराशि डालने के दिये निर्देश

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को हरिद्वार के गन्ना किसानों को कुछ राहत देते हुए 14 करोड़ की धनराशि लगभग साढ़ छह हजार गन्ना किसानों के खाते में डालने के निर्देश दिये हैं।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को हरिद्वार के गन्ना किसानों को कुछ राहत देते हुए 14 करोड़ की धनराशि लगभग साढ़ छह हजार गन्ना किसानों के खाते में डालने के निर्देश दिये हैं। साथ ही जिलाधिकारी (डीएम) को 14 दिसंबर तक पूरे प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति एनएस धनिक की युगलपीठ ने ये निर्देश हरिद्वार के इकबाल पुर (धनश्री एग्रो प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड) चीनी मिल विवाद मामले में दिये हैं। इस प्रकरण को हरिद्वार निवासी नितिन सिंह की ओर से एक जनहित याचिका के एक माध्यम से चुनौती दी गयी है।
हरिद्वार के डीएम विजय शंकर पांडे वर्चुअल माध्यम से अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि चीनी मिल को 28 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है। इसके अलावा गन्ना किसानों का 2017-18 और 2018-19 में दो साल का 145.04 करोड़ बकाया है। वर्ष 2017-18 में 6482 किसानों की 40.30 करोड़ की देनदारी है जबकि 2018-19 में 11565 किसानों का 104.73 करोड़ रूपये की धनराशि चीनी मिल के प्रति बाकी है। कुल आय का पचास प्रतिशत यानी 14 करोड़ रुपए की धनराशि लगभग 18 हजार किसानों में वितरित करना नाकाफी है।
ऐसे में अदालत ने 14 करोड़ की धनराशि को 6482 किसानों में वितरित करने का निर्णय लिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि शेष 14 करोड़ की धनराशि को पंजाब नेशनल बैंक और उत्तराखंड सहकारी बैंक की देनदारी के रूप में जमा कर दी जाये। जिलाधिकारी ने अदालत को यह भी बताया कि चीनी मिल के पास 312604 कि्वंटल चीनी का पुराना स्टाक जमा है। इसके बाद अदालत ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि चीनी मिल के आय-व्यय की पूरी जिम्मेदारी एक तेजतर्राज उपजिलाधिकारी को सौंपी जाये। जो पूरी आय-व्यय पर कड़ नजर रखे। ताकि आने वाले समय में किसानों के बकाये का भुगतान किया जा सके। इसके साथ ही अदालत ने जिलाधिकारी को कहा कि मामले की प्रगति रिपोर्ट 14 दिसंबर तक अदालत में पेश करें और 15 दिसंबर को इस प्रकरण में अगली सुनवाई होगी।

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