उत्तराखंड के 5 जिलों में जल्द से जल्द पेंडिंग मामलों के निपटारे के लिए मोबाइल कोर्ट शुरू होने जा रही है। 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड हाई कोर्ट के कैम्पस से इन मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। कोर्ट की ओर से इस दिन पांच मोबाइल कोर्ट का शुभारंभ किया जाएगा। पहले चरण में पांच जनपदों में इसका शुभारंभ किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान इसकी शुरूआत करेंगे।
यह जानकारी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने शुक्रवार को दी। चतुर्वेदी ने आज प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पहले चरण में प्रदेश के सुदूरवर्ती चमोली, उत्तरकाशी और टिहरी के अलावा पिथौरागढ़ एवं चंपावत जनपदों में इसकी शुरूआत की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि उत्तराखंड हाई कोर्ट उत्तर भारत में यह अभिनव प्रयोग करने वाला पहला न्यायालय है, जो वादकारियों को यह सुविधा प्रदान कर रहा है।
इससे दिव्यांग, अक्षम तथा न्यायालय आने में असमर्थ लोगों को लाभ मिल सकेगा। वे मोबाइल कोर्ट के माध्यम से अपने बयान व गवाही दे सकेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इससे वादों के निस्तारण में तेजी आएगी और लोगों को त्वरित न्याय मिल सकेगा। जानकारों का मानना है कि अभी तक गवाही आदि में अदालत का अधिक समय नष्ट हो जाता है। इससे समय की बचत होगी।
चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि मुख्य न्यायाधीश की ओर से आधुनिक प्रणाली से युक्त वैन को रवाना किया जाएगा।इसका लाभ लेने के लिए वादकारियों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर भी इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। इससे दहेज, छेड़छाड़ व दुष्कर्म जैसे मामलों के निपटारे में सहायता मिल सकेगी।