Uttarakhand: जोशीमठ के बाद अब नैनीताल में भूस्खलन ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।बता दें भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने चार्टन लॉज क्षेत्र में 24 घरों पर लाल निशान लगाकर मकान खाली करवा दिए। अचानक हुई इस कार्रवाई से लोगों में गुस्सा है।कल तक अपने घरों में रह रहे लोग कुछ ही घंटों में आपदा प्रभावित बन गए। उनका आरोप है कि प्रशासन सुरक्षा कार्यों के बजाए लोगों के घर तोड़ने की योजना बना रहा है। इसलिए कई घरों को जबरदस्ती खतरे की जद में डाल दिया गया है।
विकास प्राधिकरण व प्रशासन की ओर से नोटिस जारी
आपको बता दें रविवार को अयारपाटा में रह रहे परिवारों को विकास प्राधिकरण व प्रशासन की ओर से नोटिस जारी कर दिए गए। जिसके बाद कुछ परिवारों को प्रशासन ने होटलों में रुकवाया है। जबकि कुछ परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने चले गए हैं।इस कार्रवाई से लोगों में नाराजगी है। आरोप है कि प्रशासन ने यहां पर सुरक्षा उपाय नहीं किए हैं। अचानक से घरों पर लाल निशान लगाए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को आशंका है प्रशासन खतरा बताकर कई दूसरे घरों को तोड़ सकता है।
लाल निशान लगाने के साथ ही प्रभावितों को नोटिस दिए
वहीं, जिला प्रशासन और नैनीताल विकास प्राधिकरण ने भी इन सभी चिह्नित परिवारों को नोटिस थमाकर तीन दिन के भीतर अपना पूरा सामान घरों से हटाने को कह दिया है। क्षेत्र में दिनभर अफतरातफरी का माहौलबना रहा। नैनीताल में प्रकृति की चेतावनी को अनदेखा करना अब लोगों पर भारी पड़ने लगा है।शनिवार को चार्टनलॉज क्षेत्र में भूस्खलन से एक दोमंजिला भवन भरभरा कर गिर गया था। जिसकी चपेट में आने से तीन अन्य घर भी दब गए थे। एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि प्रशासन,विकास प्राधिकरण और आपदा प्रबंधन की टीमों ने इलाके में सर्वे कर संवेदनशील घरों पर लाल निशान लगाने के साथ ही प्रभावितों को नोटिस दे दिए हैं।
बारिश हुई तो यहां मिट्टी कटाव होने की आशंका
दरअसल, भूस्खलन प्रभावित इलाके में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए तिरपाल डाल दिया गया। बारिश होने पर इससे मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही जिन घरों की बुनियाद पर असर आ रहा है, वहां पर रेत के कट्टे डालकर अस्थाई रूप से सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। पर प्रशासन बारिश होने से आशंकित है। बारिश हुई तो यहां मिट्टी कटाव होने की आशंका बनी रहेगी।