आंध्र प्रदेश की ‘तीन राजधानियां’ बनाने की मुख्यमत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की योजना से असहमति जताते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने बुधवार को कहा कि प्रशासन को केंद्रीकृत होना चाहिए, जबकि विकास विकेंद्रित होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य सचिवालय, उच्च न्यायालय और विधानसभा एक जगह पर होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बारे में राज्य सरकार को ही निर्णय करना है।
नायडु ने अतुकुरु में अपने परिवार द्वारा संचालित स्वर्ण भारत ट्रस्ट में मीडियाकर्मियों के साथ एक अनौपचारिक वार्ता में कहा, “मैं अपने 42 वर्षों के (राजनीतिक) अनुभव के आधार पर ऐसा कह रहा हूं। इसे राजनीति या विवाद के नजरिए से न देखिए।”
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने संकेत दिया था कि दक्षिण अफ्रीका की तर्ज पर राज्य की तीन राजधानियां हो सकती हैं, जहां कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम में होगी, विधायी राजधानी अमरावती में होगी और न्यायिक राजधानी कुरनूल में होगी।
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इसके बाद खासतौर से अमरावती क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, जहां किसानों ने राजधानी के निर्माण के लिए अपनी 33,000 एकड़ उर्वर कृषि भूमि दी है। अब वे राज्य सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं। किसानों ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति से भेंट की और उनसे अनुरोध किया कि वह ध्यान दें कि राजधानी कहीं और न बने।
नायडू ने कहा, “राज्य के दो हिस्सों में विभाजित होने के बाद, जब मैं केंद्रीय मंत्री था, मैंने यह कोशिश की कि विभिन्न राष्ट्रीय संस्थान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बनाए जाएं।” उन्होंने कहा कि इस तरह विकास विकेंद्रित होना चाहिए, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि सभी प्रशासनिक कार्य एक जगह पर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने उनसे पूछा तो वह इसी के पक्ष में राय देंगे। इसके साथ ही नायडू ने प्राथमिक शिक्षा में मातृ भाषा को प्रमुखता देने की बात कही।