महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में साधु की हत्या पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य की उद्धव सरकार सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही विहिप ने कहा कि अगर पालघर में साधुओं के हत्यारों के साथ नरमी नहीं बरती जाती तो शायद नांदेड़ की इस वारदात को रोका जा सकता था।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने घटना पर गुस्से का इजहार करते हुए कहा, “पालघर में पूज्य साधुओं के हत्यारे तो अभी तक हाथ नहीं आए किन्तु हां, महाराष्ट्र के ही पूज्य स्थल नांदेड़ में आज एक और पूज्य संत की जान ले ली गई। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि राज्य की सेना-सोनिया सरकार में पूज्य बाला साहब ठाकरे के संस्कार लेश मात्र भी जिंदा हैं?”
उन्होंने कहा, “पालघर में साधुओं के हत्यारों को यदि टांग दिया होता और उनके षडयंत्रकारियों के साथ नरमी नहीं बरती होती तो शायद नांदेड़ में पूज्य साधु व सेवक के हत्यारों के हौसले बुलंद ना होते। 38 दिन हो गए उद्धव जी..शिव सेना को सोनिया सेना ना बनाओ प्लीज।”
पालघर में साधुओं के हत्यारों को यदि टाँग दिया होता और उनके षडयँत्रकारीयों के साथ नरमी नहीं बरती होती तो शायद नांदेड़ में पूज्य साधु व सेवक के हत्यारों के हौसले बुलंद ना होते। 38 दिन हो गए उद्धव जी…
शिव सेना को सोनिया सेना ना बनाओ Please……… pic.twitter.com/X8lrrNYXbY— विनोद बंसल (@vinod_bansal) May 24, 2020
विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा, “पूज्य सदगुरु शिवाचार्य गुरु जी के साथ उनके साथी को भी आज तड़के नांदेड़ के पास स्थित उनके आश्रम में ही मौत के घाट उतार दिया गया और पुलिस प्रशासन सब मौन है? दिवंगत आत्माओं को श्रद्धासुमन के साथ प्रभु से प्रार्थना है कि सरकार को सद्बुद्धि दें।”
दरअसल, शनिवार को तकरीबन 12:00 के आसपास लिंगायत समुदाय के एक साधु की हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप उसी समुदाय के एक अन्य व्यक्ति पर लगा है। मृतक साधु की पहचान रुद्र पशुपति महाराज के रूप में हुई है। साधु के आलावा एक भगवान राम शिंदे नाम के अन्य व्यक्ति की भी हत्या कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि हत्या के बाद बदमाशों ने उनकी गाड़ी लेकर भागने की कोशिश की। लेकिन बाद में उसे छोड़कर भाग गए।हत्या के पीछे का कारण लूटपाट बताया जा रहा है। हालांकि फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंच गई है और मामले की जांच की जा रही है। आरोपी दरवाजे से अंदर आया था।
आरोपी साधु के शव को उनकी ही कार में रखकर ले जाने की कोशिश की लेकिन कार गेट में ही फंस गई। इससे मठ के छत पर मौजूद आश्रम के दो सेवादार जाग गए। उन्होंने भागकर आरोपी को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भागने में कामयाब रहा। गौरतलब है कि इससे पहले पालघर में दो साधुओं की ग्रामीणों द्वारा मॉब लिंचिंग कर दी गई थी।
इस घटना के बाद से संत समाज में काफी आक्रोश देखने को मिला था। इस मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी। बीजेपी और विहिप ने पालघर मॉब लिचिंग के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए राज्य सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया था।