उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उत्तराखंड के विद्यार्थियों और अध्यापकों से प्लास्टिक मुक्त वातावरण बनाने तथा जल संरक्षण के लिए जन अभियान चलाने का आह्वान किया है। श्री नायडू ने राष्ट्रीय शैक्षणिक दौरे पर आये उत्तराखंड के देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के हाई स्कूल के बच्चों और अध्यापकों से बुधवार को यहां अपने आवास पर मुलाकात की और कहा कि उत्तराखंड को प्रकृति ने जो उपहार दिये हैं उनको संरक्षित किया जाना आवश्यक है और इसके लिए जल संरक्षण तथा प्लास्टिक मुक्त वातावरण को जन आंदेलन बनाया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने बच्चों से बातचीत करते हुए इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए देवप्रयाग के विधायक की प्रशंसा की और कहा ‘‘युवा विधायक विनोद कंडारी का विद्यार्थियों के लिए इस तरह का दौरा आयोजित करना सराहनीय कार्य है। देवभूमि उत्तराखंड हमारे महान पुरखों तथा संतों की भूमि है। इस देवभूमि में प्रकृति ने जंगल, जल संसाधन जैसे विकास के कई साधन दिए हैं। यदि प्रकृति हमको संसाधन के लिहाज से संपन्न बनाती है तो फिर हमारी ही जिम्मेदारी है कि हम उसका संरक्षण करें।’’
उन्होंने कहा ‘‘हमें जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आपको प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्या से खुद को मुक्त रखना होगा। मुझे उम्मीद है कि मेरे युवा छात्र, अध्यापक तथा शिक्षण संस्थान जल संसाधन तथा प्लास्टिक मुक्त वातारण के लिए जन अभियान चलाएंगे।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन शिक्षा का एक माध्यम है। इससे नये अनुभव मिलते हैं तथा बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पर्यटन व्यक्ति को समाज का बेहतर नागरिक बना सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के इसी महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने इस साल कहा है कि 2022 तक देश में कम से कम 15 नये पर्यटक स्थल विकसित किये जाने चाहिए। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस तरह के शैक्षणिक टूर बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।