वायलिन वादक और पद्म पुरस्कार से सम्मानित टीएन कृष्णन का सोमवार चेन्नई में निधन हो गया। विशेष तौर पर अपनी रागों के लिए मशहूर कृष्णन ने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका चले जाना संगीत की दुनिया में एक बड़ा शून्य है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, प्रख्यात वायलिन वादक श्री टीएन कृष्णन का निधन संगीत की दुनिया में एक बड़ा शून्य है।उनकी रचनाओं ने हमारी संस्कृति की भावनाओं और किस्सों की एक विस्तृत श्रृंखला को खूबसूरती से समझाया। वह युवा संगीतकारों के उत्कृष्ट गुरु भी थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।
The demise of noted violinist Shri TN Krishnan leaves a big void in the world of music. His works beautifully encapsulated a wide range of emotions and strands of our culture. He was also an outstanding mentor to young musicians. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 3, 2020
1928 में केरल में जन्मे टीएन कृष्णन बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। कृष्णन को संगीत की शुरुआती शिक्षा उन्हें अपने पिता ए नारायण अय्यर से मिली। 1939 में 11 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला कॉन्सर्ट में दिया था। बाद में अल्लेप्पी के पार्थसारथी उनके मेंटर बने और कृष्णन ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में उनके दिए गए सपोर्ट को हमेशा स्वीकार किया था।
साल 1942 में चेन्नई जाने के दौरान वे सेमंगुड़ी श्रीनिवास अय्यर से जुड़ गए। इसके बाद उनके केरियर को नई ऊंचाई मिली।सोमवार को शाम को अचानक बेचैनी के बाद उनका निधन हो गया। हालांकि वह बीमार नहीं थे। चेन्नई के संगीत प्रेमी और संगीत कार्यक्रमों के आयोजक रामनाथन अय्यर ने इसकी जानकारी दी।