पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनायें भी मतदाताओं के उत्साह को कम करने में नाकाम रही हैं। सत्रहवीं लोकसभा के लिए रविवार को छठे चरण में आठ सीटों पर अपराह्न तीन बजे तक बजे तक 70.51 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर सभी सात चरणों में मतदान संपन्न कराया जाना है।
इससे पहले पांच चरणों के मतदान में भी मतदाताओं ने हिंसा की परवाह नहीं करते हुए बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक तामलुक में सबसे अधिक 73.51 प्रतिशत वोट डाले जा चुके हैं। सबसे कम 68.02 प्रतिशत मतदान बांकुरा में हुआ है। कांठी में 69.79, घाटल में 71.45, झारग्राम में 70.14, मेदिनीपुर में 68.78, पुरुलिया में 70.48 और विष्णुपुर में 71.79 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं।
छठे चरण की आठ लोकसभा सीटों के लिए चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच चतुर्कोणीय मुकाबला है। मतदान के शुरुआती दौर में आज बहुत से स्थानों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होने की रिपोर्ट मिली। चुनावी हिंसा की एक अन्य घटना में पूर्वी मेदिनीपुर जिले में कल रात दो भाजपा कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गयी जिससे वे घायल हो गये। दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसी जिले में तृणमूल कांग्रेस का एक कार्यकर्ता मृत पाया गया। इस बीच, घाटल से भाजपा उम्मीदवार भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी एवं किसी समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विश्वसनीय सहयोगी रहीं भारती घोष पर सुबह एक मतदान केंद, के समीप लोगों के समूह ने हमला कर दिया और उनकी कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। सुश्री घोष ने आरोप लगाया कि उनके मतदान एजेंटों को बूथ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी।
उन्होंने कहा,‘‘मैं एक उम्मीदवार हूं। मुझ पर हमला किया किया। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।’’ दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने कहा कि वे सुश्री घोष के एजेंट को बूथ के अंदर जाने की अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि भाजपा सदस्यों ने उनके पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की है। इस बीच चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि वे सुश्री घोष के खिलाफ उन शिकायतों का गौर करेंगे, जिनमें मोबाइल कैमरे के साथ बूथ में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया है।