मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में एक मिसाल कायम की है।
राज्यपाल ने एक वीडियो संबोधन में तृणमूल कांग्रेस पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के फलने-फूलने के लिए लोगों के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है। धनखड़ ने टि्वटर पर पोस्ट किए गए अपने संबोधन में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल ने मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक मिसाल कायम की है। लोगों में डर ऐसा है कि वे इस पर खुलकर चर्चा तक नहीं कर सकते।’’
Worrisome HUMAN RIGHTS violations @MamataOfficial. Only “Rule of Ruler and not of law” @India_NHRC. Need for massive uplift
Politicised bureaucracy @IASassociation @IPS_Association @WBPolice @KolkataPolice constitutes severe threat to democracy. #HumanRight #HumanRightsDay2021 pic.twitter.com/R9vSVlbkII
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 10, 2021
राज्यपाल धनखड़ ने टि्वटर पर मुख्यमंत्री को टैग करते हुए कहा, ‘‘ममता बनर्जी आपके शासन में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है जो बेहद चिंताजनक है। बंगाल में कानून का नहीं बल्कि शासक का राज है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए।’’
दरअसल, जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में पदभार संभालने के बाद से ही कई मुद्दों को लेकर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच तनातनी रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मानवाधिकार दिवस के अवसर पर टि्वटर पर पोस्ट किए गए एक संदेश में मौलिक अधिकारों का हनन करने वाली ताकतों को हराने के लिए लोगों के बीच एकता का आह्वान किया।
बनर्जी ने लिखा, ‘‘आइए हम नफरत और असमानता से ऊपर उठने का संकल्प लें। आइए हम एक साथ आएं और एक-दूसरे के लिए लड़ें, एक-दूसरे के साथ खड़े हों। हम सब मिलकर उन सभी ताकतों को हरा सकते हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों का हनन करने की हिम्मत करती हैं।’’