देश के दक्षिण राज्य तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य विधानसभा का सत्रावसान करने के कृत्य का कोई औचित्य नहीं है। इस पर पलटवार करते हुए धनखड़ ने कहा कि सरकार के अनुरोध पर विधानसभा का सत्रावसान किया गया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की टिप्पणियां कटु हैं तथा तथ्य पर आधारित नहीं हैं।
सीएम स्टालिन ने ट्वीट कर साधा निशाना
स्टालिन ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्रावसान करने के कृत्य का कोई औचित्य नहीं है और इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती और यह स्थापित नियमों और परंपराओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा, राज्य के सांकेतिक प्रमुख को संविधान बरकरार रखने में आदर्श व्यक्ति होना चाहिए। लोकतंत्र की खूबसूरती एक-दूसरे को परस्पर सम्मान देने में है।
The act of #WestBengal Governor to prorogue the WB Assembly Session is without any propriety expected from the exalted post and goes against the established norms and conventions. (1/2)
— M.K.Stalin (@mkstalin) February 13, 2022
धनखड़ ने भी स्टालिन को ट्वीट से दिया जवाब
राज्यपाल धनखड़ ने स्टालिन को जवाब देते हुए अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से कहा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का सम्मानपूर्वक ध्यान आकर्षित करना असामान्य रूप से उचित है कि उनकी अत्यधिक कटु और आहत करने वाली टिप्पणियां कम से कम तथ्यों पर आधारित नहीं है। ममता बनर्जी के अनुरोध पर विधानसभा का सत्रावसान किया गया। धनखड़ ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र भी पोस्ट किया।
WB Guv: Find it unusually expedient to respectfully invite indulgent attention of TN CM @mkstalin that his extremely harsh hurtful observations are not in the least in conformity with facts- attached order. Assembly was prorogued at express request @MamataOfficial @rajbhavan_tn https://t.co/A8WI28j2NS pic.twitter.com/CReAqvaGFj
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) February 13, 2022
राज्यपाल ने खुद से यह फैसला नहीं लिया : कुणाल घोष
गौरतलब है कि राज्यपाल धनखड़ ने राज्य सरकार की सिफारिश पर शनिवार को विधानसभा का सत्रावसान कर दिया था। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, राज्यपाल ने खुद से यह फैसला नहीं लिया। उन्होंने मंत्रिमंडल की सिफारिश पर विधानसभा का सत्रावसान किया। इसमें कोई भ्रम नहीं है।