देहरादून : राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बचाने में समाज के विभिन्न वर्गो के साथ ही धार्मिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा। युवा देश की पूंजी है। उन्हें नशे की बुरी आदतों से बचाना सभी का सामाजिक दायित्व है।
राज्यपाल ने कहा कि सभी धर्मो की संस्थाएं नशे के विरूद्ध युवाओं का सही मार्गदर्शन करें। बच्चों को नशे की आदतों से बचाने में उनकी माताएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अभिभावक अपने बच्चों पर निगरानी रखें तथा अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी दें। राज्यपाल ने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित एन्टी ड्रग्स ट्रैफिकिंग कार्यशाला का शुभारम्भ किया। उन्होंने घोषणा की कि नशे के विरूद्ध अभियान चलाने वाले बच्चों को राजभवन द्वारा सम्मानित किया जायेगा।
इस अवसर पर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि राज्यपाल द्वारा बेहद महत्वपूर्ण एवं ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है। कार्यक्रम में सचिव गृह नितेश झा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, पुलिस विभाग व शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएं युवा
युवा अपनी ऊर्जा व उत्साह को सही दिशा में लगाये। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग नशे के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही व जन जागरूकता के कार्य कर रही है परन्तु नशे की बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिये समाज के सभी लोगों को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।
एडीजी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस की वेबसाइट, फेसबुक पेज व सोशल मीडिया साइट पर एन्टी ड्रग्स ट्रैफिकिंग से सम्बन्धित विभिन्न जागरूकता वीडियों क्लिपस, शाॅर्ट फिल्मस व सामग्री उपलब्ध है। शिक्षण संस्थानों व लोगों द्वारा इनका उपयोग किया जा सकता है।
नशे के उपयोग में उत्तराखण्ड प्रथम 10 राज्यों में नहीं
डीआईजी एसटीएफ श्रीमती रिद्धम अग्रवाल ने जानकारी दी की नशे में भांग व चरस के नशे के उपयोग में सिक्किम, नागालैण्ड, उड़ीसा, दिल्ली, मिजोरम, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य आगे हैं। भांग व चरस के नशे के उपयोग में उत्तराखण्ड प्रथम 10 राज्यों में नहीं है। इस वर्ष उत्तराखण्ड से लगभग 1000 किलोग्राम गांजा तथा 150 किलोग्राम चरस रिकवर किया गया है।
सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुधांशु ने कहा कि राज्यपाल के निर्देशानुसार नशे के विरूद्ध इस प्रकार की कार्यशालाएं प्रत्येक जनपद में चलाई जाएगी। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने एन्टी ड्रग्स ट्रैफिकिंग अभियान के तहत राज्यभर के 1800 स्कूलों में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।