पश्चिम बंगाल में चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान की कमान संभाल ली है। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बंगाल में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। मालदा में रैली में बोलते हुए हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्तारूढ़ टीएमसी पर जमकर हमला किया।
राम द्रोही का भारत और बांगाल में कोई काम नहीं
आज बंगाल में सत्ता प्रायोजित अपराध और आतंकवाद न केवल यहां की सुरक्षा के सामने संकट खड़ा कर रहा है बल्कि देश की सुरक्षा को भी चुनौती देता दिखाई देता है। आज बंगाल में दुर्गापूजा पर प्रतिबंध लगाया जाता है। ईद में जबर्दस्ती गौ हत्याएं प्रारंभ कराई जाती हैं।
उन्होंने कहा, बंगाल में जय श्री राम के नारे लगाने से रोका जाता है। मैं ममता दीदी से कहना चाहता हूं कि कभी उत्तर प्रदेश में एक सरकार थी जो अयोध्या में राम भक्तों पर गोली चलाती थी, उस सरकार का हश्र आपने देखा कि क्या हो गया है। इस बार बंगाल में टीएमसी सरकार की बारी है। जो राम द्रोही हैं उनका भारत और बांगाल में कोई काम नहीं है।
घुसपैठियों को बाहर करने की बात पर तिलमिला जाती है बंगाल सरकार
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब पीड़ित और प्रताड़ित मानवता को शरण देने की बात होती है तो यहां की सरकार विरोध करती है। जब घुसपैठियों को बाहर करने की बात होती है तो बंगाल सरकार तिलमिला जाती है। यहां की सरकार घुसपैठियों के साथ है उसे यहां की जनता के साथ कुछ लेना देना नहीं।
जब प्रधानमंत्री पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के पीड़ित प्रताड़ित हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाईयों संरक्षण और सुरक्षित ठिकाना देने के लिए कानून बनाते हैं और जब CAA लागू हुआ तो बंगाल में हिंसा क्यों होती है, ये सत्ता की प्रायोजित हिंसा है। बंगाल में आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया गया, केंद्र की किसी भी योजना का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है।
बंगाल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए क्रांति की भूमि रही
मालदा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पश्चिम बंगाल हमेशा भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का आधार रहा है। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए क्रांति की भूमि रही है। आज यह हमें और पूरे देश को पीड़ा देता है, जब हम यहां अराजकता का माहौल देखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बीजेपी और पार्टी का हर कार्यकर्ता राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बंगाली भाइयों और बहनों से जुड़कर बंगाल की पहचान को फिर से स्थापित करने और इस माध्यम से एक नया बदलाव लाने के लिए आया है।