कोविड-19 के कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार पर कुछ पाबंदियां लगायी, जिनमें प्रचार के समय में कमी करना भी शामिल है।
आयोग के आदेश के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने रोजाना प्रचार खत्म होने का समय घटाकर शाम सात बजे तक कर दिया है। पहले रात 10 बजे तक चुनाव प्रचार किया जा सकता था। निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार वाले दिनों में शाम सात बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा।
मतदान से पहले चुनाव प्रचार समाप्त होने की समय सीमा भी 48 घंटों से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी गई है। राज्य में विधानसभा चुनाव आठ चरणों में होने थे, इनमें से चार चरणों के लिए मतदान संपन्न हो गया है और पांचवें चरण के लिए मतदान कल 17 अप्रैल को है। आयोग द्वारा लगायी गई नयी बंदिशें अंतिम तीन चरणों (22, 26 और 29 अप्रैल) के लिए हैं।
वहीं, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में कोविड-19 की खतरनाक स्थिति को देखते हुए शनिवार को पांचवें दौर के मतदान के बाद विधानसभा चुनाव के अंतिम तीन चरणों को एकसाथ जोड़ने की शुक्रवार को मांग की।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले दिनों शेष चरणों के लिए मतदान एक ही बार में कराने का सुझाव दिये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब के साथ एक बैठक में अंतिम तीन चरणों के मतदान एकसाथ कराने की मांग की।
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के अंतिम तीन चरण एकसाथ कराने की संभावना से बृहस्पतिवार को इनकार किया था और कहा था कि ‘‘चरणों को आपस में जोड़ने की कोई योजना नहीं है।’’