पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के एक बाजार में शुक्रवार तड़के भयानक आग लगने से कम से कम 150 दुकानें जलकर खाक हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि तड़के करीब तीन बजे एक दुकानदार ने धुपगुड़ी बाजार में लपटें उठती हुई देखी।
उन्होंने बताया कि छह दमकल वाहनों को घटनास्थल पर भेजा गया लेकिन आस-पास पानी का कोई स्रोत नहीं होने की वजह से आग पर काबू पाने के अभियान में देरी हुयी। बाद में कुमलई नाले से पानी लाया गया लेकिन तब तक कई दुकानें खाक हो चुकी थीं।
जिला अग्निशमन अधिकारी प्रदीप सरकार ने कहा, ‘‘ बाजार के निकट जल का कोई स्रोत नहीं होने की वजह से आग पर काबू पाने के लिए पानी लाना काफी मुश्किल था।’’ अधिकारियों ने बताया कि कूचबिहार जिले के दिनहाता और तूफानगंज समेत अन्य स्थानों से चार और दमकल वाहन मंगाए गए।
उन्होंने बताया कि सुबह छह बजे के करीब आग पर काबू पा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है और आग लगने की वजह का अभी पता नहीं चला है। उत्तर बंगाल विकास मंत्री रबींद्रनाथ घोष ने क्षेत्र का मुआयना किया और अधिकारियों से बातचीत की।
तृणमूल कांग्रेस की स्थानीय विधायक मिताली रॉय भी घटनास्थल पर मौजूद थीं। घोष ने कहा, ‘‘ मैं यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर आया हूं।’’ घोष ने शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम को स्थिति के संबंध में सूचना दी और उनसे अपील की कि वे इस बाजार को धुपगुड़ी नगर निगम के हवाले करने के लिए कदम उठाएं।
मौजूदा समय में यह जिला परिषद के अंतर्गत आता है। मंत्री ने कहा, ‘‘ करीब 150 दुकानें आग में जलकर खाक हो गईं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में दुकानदारों की हर संभव मदद को तैयार है और जो दुकानें जली हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा।’’ पर्यावरणविदों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के जलाशयों का अतिक्रमण हो गया है जिससे जल का संकट पैदा हुआ।