भाजपा पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें खासी परेशानी हो रही है। हाल ही में उनके ही 6 (विधायक) ममता बनर्जी की (TMC) पार्टी में शामिल हुए हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि टीएमसी आमतौर पर विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद अलीपुरद्वार (जहां विधायक रहती है) में हार जाती है।
भाजपा के विधायको को संख्या 69
2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 77 सीटें जीतीं, लेकिन उसके दो सांसदों ने विधायक पदों पर भी जीत हासिल की। उनके लोकसभा जाने के बाद टीएमसी ने इन दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। नतीजतन, बंगाल विधानसभा में अब भाजपा के 75 विधायक हैं, लेकिन छह विधायकों के दलबदल से यह संख्या वास्तव में घटकर 69 रह गई है।
भाजपा की नीतियों और एजेंडे का विरोध!
रविवार को, टीएमसी ने एक संदेश पोस्ट किया जिसमें कहा गया था कि वह एआईटीसी (भारत की राष्ट्रीय पार्टी) में शामिल हो गई थी क्योंकि वह भाजपा की नीतियों और एजेंडे का विरोध करती है, जो नफरत से भरी हैं। भाजपा के पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों में से एक, सुमन कांजीलाल ने इसे महसूस किया है और एआईटीसी में शामिल हो गए हैं।
टीएमसी अपने गढ़ में सेंध लगाने में सफल रही
अलीपुरद्वार से भाजपा विधायक सुमन कांजीवाल का टीएमसी में शामिल होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे टीएमसी को अलीपुरद्वार जिले में अधिक शक्ति और प्रभाव हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे पहले जिले की सभी पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, लेकिन सुमन कांजीलाल के सहारे टीएमसी अपने गढ़ में सेंध लगाने में सफल रही है।