देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में सर्दी के आगमन के साथ ही प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने पटाखे जलाने के लिए समय निर्धारित कर दिया है। पश्चिम बंगाल में दिवाली और काली पूजा पर केवल हरित पटाखों की अनुमति होगी।
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 26 अक्टूबर को जारी एक अधिसूचना में कहा कि दिवाली और काली पूजा की संध्या पर रात आठ बजे से 10 बजे तक हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी।
छठ पूजा पर शाम छह बजे से सुबह आठ बजे पटाखे जलाने की अनुमति
अधिसूचना में कहा गया कि छठ पूजा पर शाम छह बजे से सुबह आठ बजे तक हरित पटाखे जलाने की अनुमति होगी। इसके अलावा क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या पर 35 मिनट पटाखे जलाने की इजाजत दी जाएगी। अधिसूचना में कहा गया कि कोलकाता और आसपास के जिलों में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक वायु गुणवत्ता मध्यम/संतोषजनक स्तर पर थी।
अधिकारियों कार्रवाई करने को कहा गया
बोर्ड के अध्यक्ष कल्याण रुद्र ने बुधवार को कहा, “अधिकारियों को आदेश का पालन कराने और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा गया है। हमारी टीमें पुलिस के सहयोग से स्थिति पर निगरानी रखेंगी।”
पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस बात की संभावना है कि लोग आदेश का उल्लंघन करके निर्धारित समय के बाद भी आतिशबाजी कर सकते हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि प्रतिबंधित पटाखे भी बाजार में आ सकते हैं।