रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। पुलिस तथा प्रशासन की तमाम चौकसी के बाद भी आसनसोल नॉर्थ थाना इलाके के विभिन्न इलाकों में बुधवार को उपद्रवियों का तांडव जारी रहा। आसनसोल के पुलिस कमिश्नर के अनुसार, इंटरनेट सर्विस को अगले 48 घटों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं आसनसोल में ही करीब 30 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
बताया जा रहा है कि अभी भी कई छोटे गांवों में हालात बिगड़े हुए हैं, यही कारण है कि सुरक्षा को सख्त किया गया है। आरके डंगाल के आमबागान, श्रीनगर बीपीएल कॉलोनी, चांदमारी बाजार, बालबोधन स्कूल के पीछे, धाधका गारूई पुल के पास जम कर आगजनी, पथराव तथा लूट की गयी। विभिन्न घटनाओं में तीन की मौत हो गयी। पथराव के दौरान सिर में चोट लगने से 15 वर्षीय किशोर की मौत हो गयी, जबकि पुलिस वाहन के धक्के से एक की मौत गई।
भगदड़ में घायल 6 महीने के मासूम की मौत हो गई। इधर, धादका की दर्जनों महिलाएं तथा पुरुष सुरक्षा की मांग को लेकर घंटों आसनसोल नॉर्थ थाना के समक्ष गुहार लगाते रहे। वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों का कहना था कि उन्हें थाना परिसर से हटने का निर्देश नहीं है। इलाके में गश्ती पुलिस दल है, वहीं कार्रवाई करेगी। उधर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा के नेतृत्व में विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पुलिस वाहनों से सड़क मार्च होता रहा। इसके पहले मेयर जितेंद्र तिवारी तथा श्रम सह विधि व न्यायमंत्री मलय घटक सहित विभिन्न पार्टी नेताओं ने इलाकों का दौरा किया।
राज्य के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी भी इसी बीच आसनसोल जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन राज्य सरकार ने उन्होंने सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। यह भी बताया गया कि पास के रानीगंज और आसनसोल क्षेत्रों में स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। ऐसे में माननीय राज्यपाल के दुर्गापुर दौरे पर जाने की सलाह नहीं दी जा सकती। माननीय राज्यपाल समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। जहां एक तरफ पश्चिम बंगाल हिंसा की आग में सुलग रहा है तो वही सियासत भी रुकने का नाम नहीं ले रही। बाबुल सुप्रियो हिंसा को लेकर लगातार ममता सरकार पर हमलावर रहे हैं।
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