हेमंत सोरेन ईडी के सामने पेश होंगे या नहीं, हाई कोर्ट में शुक्रवार को होगी अहम सुनवाई

हेमंत सोरेन ईडी के सामने पेश होंगे या नहीं, हाई कोर्ट में शुक्रवार को होगी अहम सुनवाई
Published on

जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए ईडी के पांच समन के बावजूद उपस्थित नहीं होने वाले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिट पिटिशन पर झारखंड हाईकोर्ट में 6 अक्टूबर को अहम सुनवाई होगी। सोरेन के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश द्वारा मामले को मेंशन किए जाने के बाद उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई की तारीख तय की है। सोरेन की याचिका में ईडी की ओर से जारी समन को कानून के खिलाफ बताया गया है। वहीं, पीएमएलए एक्ट की विभिन्न धाराओं की वैधता को भी चुनौती दी गयी है।

अमित अग्रवाल समेत कई आरोपी जेल में

गौरतलब है कि जमीन के कागजात में हेराफेरी और खरीद-बिक्री में हेराफेरी के कारण रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, जमीन कारोबारी विष्णु अग्रवाल और अमित अग्रवाल समेत कई आरोपी जेल में हैं। इसी के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन दर समन जारी कर पूछताछ के लिए ईडी के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रोड स्थित कार्यालय में बुलाया था, लेकिन मुख्यमंत्री किसी भी तारीख पर उपस्थित नहीं हुए। हालांकि उन्होंने ईडी के हर समन के बाद लिखित तौर पर जवाब भेजा। उन्होंने हर समन के जवाब में ईडी को लिखा कि वे कानूनी तौर पर इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती दे रहे हैं। अदालत का फैसला आने तक समन स्थगित रखा जाए।

समन जारी करने की शुरूआत आठ अगस्त 

ईडी की ओर से समन जारी करने की शुरूआत आठ अगस्त को हुई थी। तब ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए 14 अगस्त को बुलाया था। दूसरी बार 19 अगस्त को समन जारी कर 24 अगस्त को और तीसरी बार एक सितंबर को समन जारी कर 9 सितंबर को बुलाया था। पर इसी बीच सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पेटिशन दायर कर दिया था। इसके बाद भी ईडी की ओर से चौथा समन जारी कर 23 सितंबर को आने को कहा था।

हेमंत सोरेन के वकील मुकुल रोहतगी का बयान 

वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील मुकुल रोहतगी को कोर्ट ने कहा था कि आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था। इसी आधार पर याचिका वापस लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट में याचिका की लिस्टिंग के बाद अब सबकी निगाहें हाईकोर्ट पर टिक गयी हैं

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com