महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने कहा है कि राज्य जब तक सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ के प्रभाव के आकलन के लिए अध्ययन पूरा नहीं कर लेता तब तक वह कर्नाटक को कृष्णा नदी पर बने अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने के कार्य को रोकने के लिए कहेगा।
राज्य विधानसभा में बुधवार को एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि अगर कर्नाटक सरकार महाराष्ट्र के अनुरोध को नहीं मानती है तो उच्चतम न्यायालय से संपर्क किया जाएगा। दोनों राज्यों के बीच पहले से ही सीमा विवाद है और मामला उच्चतम न्यायालय में है।
27 मई, 2020 को सौंपी गई वडनेरा रिपोर्ट-
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने बांध की ऊंचाई 524 मीटर बढ़ाने के कर्नाटक के कदम से होने वाले असर और कोल्हापुर तथा सांगली में बाढ़ के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जल संसाधन विभाग के पूर्व प्रधान सचिव नंदकुमार वडनेरा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। महाराष्ट्र के इन दो जिलों में 2019 में भीषण बाढ़ के बाद इसके अध्ययन के लिए इस समिति का गठन किया गया था। 27 मई, 2020 को सौंपी गई वडनेरा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कृष्णा नदी पर अलमाटी और हिप्पार्गी के बांधों की ऊंचाई बढ़ा दी जाती है, तो कोल्हापुर और सांगली में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उच्चतम न्यायालय का करेंगे रुख- फडणवीस
हालांकि, सितंबर 2021 में वडनेरा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर कहा था कि जब रिपोर्ट तैयार की गई थी तब कर्नाटक में चेक डैम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिससे कोल्हापुर और सांगली में बाढ़ आ सकती है। फडणवीस ने कहा, ‘‘हम इसे सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाएंगे और कर्नाटक से अनुरोध करेंगे कि जब तक हमारा अध्ययन पूरा नहीं हो जाता है तब तक वे काम रोक दें, क्योंकि इसका महाराष्ट्र पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अगर वे नहीं माने तो हम काम रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।