महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार ने रविवार को कहा कि जिला योजना समितियों (डीपीसी) के तहत विभिन्न कार्यों के कार्यान्वयन और निधि के वितरण पर रोक लगाने के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नवगठित राज्य सरकार के फैसले को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
चार जुलाई को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, शिंदे सरकार ने डीपीसी की विभिन्न योजनाओं के तहत किए जाने वाले कार्यों के लिए एक अप्रैल से स्वीकृत धनराशि के वितरण पर नए जिला संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति होने तक रोक लगा दी है।
इस बारे में सवाल किए जाने पर, पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय में ‘‘न्याय’’ मांगा जाएगा।
राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘सरकारें आती और जाती हैं, लेकिन पिछली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर रोक लगाने या उन्हें उलटने का कोई कारण नहीं है।’’
मुंबई के वन क्षेत्र आरे कॉलोनी में मेट्रो -3 कार शेड परियोजना के निर्माण के लिए नयी सरकार के प्रस्ताव संबंधी विवाद पर पवार ने कहा कि महा विकास आघाड़ी की पूर्ववर्ती के दौरान, परियोजना की लागत पहले ही 10,000 करोड़ रुपए पहुंच गई थी और यदि इस परियोजना को पूरा करने में देरी की गई, तो यह लागत और बढ़ जाएगी तथा इसका बोझ आम लोगों पर पड़ेगा।