हरिद्वार : जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज का शुक्रवार की सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वे करीब 55 वर्ष के थे। प्रयागराज से हरिद्वार आते समय लखनऊ में यह हादसा हुआ। स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज के निधन का समाचार सुनते ही संत जगत में शोक की लहर दौड़ गयी।
हर कोई समाचार मिलने के बाद भी इस अनहोनी पर विश्वास करने को तैयार नहीं हुआ और अपने-अपने स्तर से जानकारी जुटाई। स्वामी हंसदेवाचार्य के हरिद्वार आश्रम से जानकारी मिली है कि उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार लाया जा रहा है, जोकि आज शाम शुक्रवार तक पहुंच जाएगा और कल शनिवार को शाम 4 बजे उनका हरिद्वार के ही खड़खड़ी शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
विदित हो कि जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज करीब दो माह से प्रयागराज कुंभ में थे, जहां उन्होंने अनेक सेवा के प्रकल्पों को किया। जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज ने बचपन से घर का त्याग कर स्वामी जगन्नाथ महाराज की शरण ली और उन्हीं की सेवा में रहते हुए शिक्षा ग्रहण की और बाद में उन्हीं के शिष्य बनकर समाज व राष्ट्र सेवा में जीवन को समर्पित कर दिया।
राम मंदिर निर्माण में भी उन्होंने अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया। वर्ष 2010 में बड़ा अखाड़ा उदासीन के कोठारी महंत राजेन्द्र दास महाराज ने मनमुटाव होने के कारण वे पुनः रामानंद सम्प्रदाय में आ गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के अनुरोध पर उन्हें जगद्गुरू रामानंदाचार्य की पदवी प्रदान की गयी और स्वामी हंसदास से जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज हो गये। उनके अचानक निधन से संत समाज हतप्रभ है।
– संजय चौहान