बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटे जाने के विवाद से जुड़े मकान में रहने वाली कुछ महिलाएं गुरुवार को सामने आयीं। महिलाओं का कहना है कि यह घटना उनका किराये का घर जबरन खाली कराने की कोशिश में शहरी निकाय के कारिंदों द्वारा उनके साथ की गयी बदसलूकी और छेड़छाड़ का परिणाम है।
गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के विवादग्रस्त मकान में रहने वाली सपना श्रीवंश (40) ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा परिवार पिछले 80 साल से किराये के जिस घर में रह रहा है, उसे नगर निगम ने जर्जर बताकर हमें दो दिन के भीतर बाहर निकल जाने का फरमान सुना दिया। हमने घर खाली करने के लिये नगर निगम से थोड़ी मोहलत मांगी थी। लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई।’
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम के कारिंदे दल-बल के साथ गुरुवार को उनके घर में घुसे और उनसे तथा उनके परिवार की कुछ अन्य महिलाओं के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ की। श्रीवंश के साथ उनके परिवार की दो अन्य महिलाएं मौजूद थीं। उन्होंने कहा, ‘मामले की सूचना मिलने पर विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और उन्होंने नगर निगम कारिंदों की गलत कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने हम महिलाओं की रक्षा के लिये बैट उठाया।
‘श्रीवंश ने कहा, ‘हमने बदसलूकी करने वाले नगर निगम कारिंदों के खिलाफ एमजी रोड पुलिस थाने में गुरुवार को शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने इस शिकायत पर अब तक मामला दर्ज नहीं किया है।’ एमजी रोड पुलिस थाने के प्रभारी राजेंद्र चतुर्वेदी ने कहा, ‘महिलाओं की शिकायत पर जांच की जा रही है। जांच के बाद उचित कदम उठाया जायेगा।’
उधर, नगर निगम अधिकारियों ने इन महिलाओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गंजी कम्पाउंड क्षेत्र का संबंधित मकान बेहद जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और इसे खाली करने के लिये पहले भी नोटिस जारी किये जा चुके हैं, लेकिन किरायेदार मकान में जमे हुए हैं।
इस बीच, नगर निगम अधिकारी को भाजपा विधायक द्वारा पीटे जाने के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों के संगठनों ने इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) के कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। नगर निगम के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर इस घटना के प्रति विरोध जताया।