उत्तरकाशी : चौड़ीकरण के नाम पर यमुना नदी को डंपिंग जाेन बना देना स्थानीय लोगों के गले नही उतर रहा है। छंटांगा गांव के पास जमकर मलवा और पत्थर सीधे यमुना में डाला जा रहा है, विभाग ने यमुना को ही डंपिंग जाॅन बनाने की अनुमति देने से लोगाें में आक्रोश है जिससे आस्थावन लोगों ने आपत्ति करते हुए एनजीटी को पत्र लिखने की पहल शुरू कर दी है।
इधर स्थानीय प्रशासन और वन विभाग द्वारा भी यमुना में मलवा डाले जाने के बाद मौन रहने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। मालुम हो कि दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे में आजकल चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, यमुनोत्री की ओर खरादी के पास चौड़ीकरण से निकल रहा मलवा सीधे छंटागा गांव के पास सीधे यमुना नदी में डाला जा रहा है, मलवे से जहां यमुना दुषित हो रही है वहीं हरे पेड़ सहित विद्युत की 33 केवी लाईन को क्षति होने का अन्देश होने से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं।
देश की आस्थावान नदी यमुना प्रेमी पवन, सुनील, आशिष, दीगवीर, नितिन आदि का कहना है कि यमुनोत्री धाम के लिए रोड़ का चौड़ीकरण होना चाहिए परन्तु यमुना नदी में मलवा डाला जाना सही नही है, इतना ही नही हमारी आस्था के साथ छेड़छाड किया जाना और ऊपर से यमुनोत्री धाम को आने वाली विद्युत लाइन को क्षति पहुचानें का यहां पर ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा है । अगर यमुना में मलवा डाले जाने का कार्य नही रूका तो एनजीटी को पत्र लिखने के अलावा आन्दोलन किया जायेगा।