मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की 23वीं कांग्रेस की बुधवार को शुरुआत हुई जिसमें पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ आने का आह्वान किया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, येचुरी ने मजदूर वर्ग के सामने आने वाली मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए वाम दलों के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर भी जोर दिया।
संवैधानिक व्यवस्था के सामने आने वाली मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण
सीताराम येचुरी ने इससे आगे कहा, ‘‘मौजूदा संदर्भ में, वामपंथी एकता को मजबूत करने के लिए वाम दलों के साथ मिलकर काम करना मेहनतकश लोगों, भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य और इसकी संवैधानिक व्यवस्था के सामने आने वाली मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘माकपा सभी वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अलग-थलग करने और हराने के लिए एक साथ आने की अपील करती है।’’
संघ परिवार सहित तमाम विरोधी ‘विचारहीन हिंसा’ का सहारा ले रहे हैं
उन्होंने कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों से अपनी स्थिति को ठीक करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व सांप्रदायिकता का मुकाबला केवल असंबद्ध धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करके ही किया जा सकता है। प्रतिनिधियों और पार्टी के अन्य नेताओं का स्वागत करते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि 2021 के विधानसभा चुनावों में वाम सरकार के लोकप्रिय समर्थन से हतप्रभ संघ परिवार सहित तमाम विरोधी ‘विचारहीन हिंसा’ का सहारा ले रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने अपने संबोधन में वामपंथ को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश किया। पार्टी कांग्रेस का समापन 10 अप्रैल को होगा।