साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बचाव करते हुए योग गुरू रामदेव ने कहा है कि केवल संदेह के आधार पर सलाखों के पीछे डालकर उनके साथ क्रूरता किया जाना उचित नहीं था। रामदेव ने कल हरिद्वार में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘साध्वी प्रज्ञा को नौ साल तक सश्रम कारावास झेलने को मजबूर होना पड़ा। अगर वह कोई अनुचित बयान देती हैं तो उन्हें टोकने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन केवल संदेह के आधार पर जेल में उनके साथ अमानवीय बर्ताव ठीक नहीं था।’
रामदेव साध्वी प्रज्ञा के तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर दिये गये बयान की आलोचना के संबंध में पूछे गये एक सवाल का जवाब दे रहे थे। मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के बाद आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के दौरान करकरे की मृत्यु हो गयी थी। अपने आपको किसी भी पार्टी विशेष से संबद्ध न बताते हुए रामदेव ने कहा कि देश वर्तमान में सभी प्रकार की राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘ इन चुनौतियों से निपटने के बाद देश 2040 तक विश्व का अगुआ बन जाएगा।’ योग गुरू ने यह भी कहा कि यह बात गलत है कि केवल गरीबी और बेरोजगारी ही मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘ राम और राष्ट्रवाद भी उतने ही महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।’