विधानसभा चुनाव से पहले कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने ड्रग और अवैध तस्करी के खिलाफ छापेमारी के तहत 36.32 करोड़ रुपये की ड्रग्स समेत विभिन्न अवैध वस्तुएं जब्त की हैं। मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मधुप व्यास ने कहा, "जब्त किए गए मादक पदार्थ में 19.28 करोड़ की हेरोइन, 8.84 करोड़ की विदेशी मूल की सिगरेट, 4.28 करोड़ रुपये की मेथामफेटामाइन गोलियां, 1.16 करोड़ रुपये की शराब और 38 लाख रुपये की जिलेटिन और कॉर्टेक्स शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी म्यांमार से की जाती है, जो मिजोरम के साथ 510 किमी लंबी बिना बाड़ वाली सीमा साझा करता है।
3,000 राज्य पुलिस कर्मियों के अलावा और सीएपीएफ के 450 सेक्शन
चुनाव आयोग ने मिजोरम की अपनी हालिया यात्रा के दौरान और उसके बाद, पड़ोसी देशों से तस्करी को रोकने या अवैध रूप से आयातित ड्रग, प्रतिबंधित पदार्थों को जब्त करने और तस्करों को पकड़ने के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय व राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कई निर्देश जारी किए। सीईओ ने मीडिया को बताया कि 3,000 राज्य पुलिस कर्मियों के अलावा और सीएपीएफ के 450 सेक्शन में से, सीमा सुरक्षा बल की 10 कंपनियां, सीआरपीएफ और एसएसबी की पांच कंपनियां मिजोरम पहुंच चुकी हैं और पहले से ही अपनी तैनाती के स्थानों पर हैं
मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए 21 सामान्य पर्यवेक्षकों सहित 46 विभिन्न श्रेणियों के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर को होगा। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, बांग्लादेश और मिजोरम के साथ त्रिपुरा की सीमा और म्यांमार के साथ मणिपुर की बिना बाड़ वाली सीमा पूर्वोत्तर भारत में ड्रग्स की तस्करी के लिए एक आसान कॉरिडोर बन गया है। विभिन्न अवैध ड्रग के अलावा, विदेशी सिगरेट, सोना, हथियार और गोला-बारूद, विदेशी जानवर और सुपारी की तस्करी अक्सर म्यांमार से पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है।