बैल्जियम में रहने वाले छह सदस्यीय प्रवासी भारतीय ने भारत में लडकियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये राजस्थान की राजधानी जयपुर में नयी शुरूआत की है।
भारत में लड़कों की तरह ही लड़कियों को भी शिक्षा से जुडऩे का समान अवसर मिले और उनकी शिक्षा में किसी तरह की रूकावट ना आए इस उददेश्य को लेकर यहां आये छह एनआरआई बच्चों के दल ने गत पांच दिनों में जयपुर शहर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड नाटक के जरिये लोगों की मानसिकता बदलने के साथ ही लड़कियों की शिक्षा के महत्व को बता रहे है।
दल के सदस्य अरनव कोठारी ने बताया कि टीम के सभी छह मैम्बर्स इंडिया से जुड़े हुए हैं। बैल्जियम में भी कई बार वहां रह रहे भारतीय परिवारों से सम्पर्क करने का मौका मिला। इस दौरान कई बार महसुस किया कि भारत में लड़कों की पढाई पर तो माता-पिता पूरा ध्यान देते हैं लेकिन लड़कियों के लिए शिक्षा का महत्व कम समझा जाता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा को लेकर सोच बहुत ही संकुचित है। इस सोच को बदलने की चाहत के साथ ही दोस्तों ने फंड जुटाने की दिशा में काम शुरू किया।
उन्होंने बताया कि इसके तहत खिलती परी के नाम से एनजीओ की शुरूआत के साथ हमने बैल्जियम के लोगों को अपने इस सामाजिक सारोकारों से जोडा।
उन्होंने बताया कि बैल्जियम के प्रोफेशनल और अमेचर आर्टिस्टस को इस कॉज से जोडऩे का निर्णय लिया गया। ऐसे में सभी आर्टिस्ट ने अपनी तरफ से चार सौ पेटिंग्स बनाई और उन पेटिंग्स की कला प्रदर्शनी लगाई गयी। इन पेटिंग्स की ब्रिकी से हुयी आय को इस कॉज के लिए रखा गया। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी की बिक्री से 28 लाख रूपये की राशि जुटाई गयी। टीम के अन्य सदस्य जेनित सिंघवी, ब्रिंदा पटेल, साक्षी शाह, विधि पारीख और जानवी काकडिय़ा लड़कियों को शिक्षा से जोडऩे के लिए स्टेशनरी दे रहे है।