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भारत का सबसे बड़ा बौनों का परिवार, 21 में से 18 सदस्य है बौने !

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ऐसा भी भला होता है कि कोई परिवार अपने कद (यहां पर मतलब लंबाई से है) के चलते शहर में मशहूर हो जाए। यकीन नहीं होता। हैदराबाद की रहने वाली चौहान फैमिली के साथ ऐसा ही है। आपको बता दे कि हैदराबाद में रहने वाला ये परिवार वहां के सभी परिवारों से अलग है। राम राज के परिवार के लोग अन्य सभी लोगों से अलग दिखाई देते है क्योंकि उनके परिवार के ज्यादातर लोग बौनें हैं।

dwarf family main

राम राज के परिवार में 21 सदस्य हैं जिनमें से 18 लोग बौने हैं। वह 7 बहनें और 4 भाई थे लेकिन Achondroplasia नाम की बीमारी के चलते कई चल बसे। अब उनके परिवार में 10 लोग हैं जिनमें से 9 बौने हैं। बौने होने के कारण इन्हें कई परेशानियां झेलनी पड़ती है। छोटे पैरों के कारण इन्हें पैदल चलने में काफी मुसीबत होती है। राम राज के परिवार को लोगों के तानों का सामना भी करना पड़ता है। राम राज के अनुसार, जब भी वे बाहर जाते हैं तो लोग उनसे अजीब से सवाल पूछते हैं। उनके छोटेपन को लेकर मजाक उड़ाते हैं।

dwarf family

परिवार के मुखिया, 52 वर्षीय राम राज बताते हैं। ‘हम जब भी कहीं निकलते हैं, लोगों की भीड़ से घिर जाते हैं। वो हमसे तरह-तरह के सवाल पूछते हैं। मसलन, आप इतने छोटे क्यों हो? कहां से आए हो? हर कोई कमेंट करता है।’ राम राज विवाह स्वागतकर्ता का काम करते हैं। मतलब, बैंक्वेट हॉल आदि के बाहर खड़े होकर मेहमानों का स्वागत करते हैं। लेकिन उन्हें नौकरी की जरूरत है, क्योंकि परिवार की जरूरत बड़ी है।

dwarf family

विवाह स्वागतकर्ता का काम खर्च चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हो रहा। वह कहते हैं कि कोई उन्हें नौकरी देने के लिए तैयार नहीं होता। जो भी मिलता है, पूछता है कि आखिर कैसे आप काम करोगे? राम राज की 27 वर्षीय बेटी अंबिका अकाउंटेंट की नौकरी करना चाहती है लेकिन उसी विकार से पीड़ित है, जो पिता से उसे मिला। उसे भी नौकरी तलाशने में कठिनाई हो रही है। अंबिका के मुताबिक, वह इसलिए रिजेक्ट कर दी जाती है, क्योंकि लंबी नहीं है।

dwarf family

अंबिका का छोटा भाई टेलीफोन बूथ में करता है और बड़े भाई की पत्नी टेलर है। जैसे-तैसे सब गुजारा कर रहे हैं। राम राज कहते हैं, ‘यह विकार पुरुषों के लिए तो उतनी बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन बेटियों की चुनौती बड़ी है।’ उन्हें ब्याहना है। आनुवंशिकी का यह विकार राम राज के परिवार से आया है।

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21 लोगों के उनके परिवार में 18 बौने थे। इनमें राम राज उनकी सात बहनें और तीन भाई बौने थे। कई तो अब गुजर भी चुके हैं। यह परिवार शारीरिक समस्याओं से भी जूझ रहा है। ज्यादातर के पैर कमजोर हैं। अंबिका के छोटे भाई को तो चलने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती है।

dwarf family

आपको बता दे कि इस परिवार में उनकी ज़िंदादिली साफ़ झलकती है। राम राज के हौसले काफ़ी बुलंद हैं और वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा हैं। उन्हें देखकर उनके जैसे कई लोग अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

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