फरीदाबाद : सुई या पिन की छोटी सी चुभन से होने वाले दर्द के अहसास से हम सिहर जाते हैं । ऐसे में उस व्यक्ति के दर्द की अनुभूति की जा सकती है जो अपने शरीर के अंदर एक नहीं बल्कि 90 से भी ज्यादा पिन का दर्द सह रहा था। जी हाँ ऐसा ही एक पीड़ित शख्स है बद्रीलाल, जिसे अब लोग ‘पिन मैन’ कहते हैं। दरअसल बद्रीलाल का पिन मैन होना उसकी सफलता नहीं बल्कि दर्द की कहानी है। उसके शरीर से करीब 90 पिन निकालकर एशियन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे जो नई जिंदगी दी है वह एक कीर्तिमान बन गया है।
दरअसल हुआ यूँ कि राजस्थान के बूंदी निवासी 56 वर्षीय बद्रीलाल करीब 10 महीने पहले शुगर हुई। इसके बाद धीरे-धीरे बद्रीलाल की हालत बिगड़ती चली गई। पांव में दर्द और गले में सूजन होने पर डॉक्टरों को दिखाया। उनकी सलाह पर जब बद्रीलाल ने एक्स-रे कराया, तो एक चौंकाने वाला सच सामने आया। एक्स-रे में बद्रीलाल के शरीर में सुईयों की भरमार थी। पैर, पेट, गले में सुईयां ऐसी कोशिकाओं तक पहुंच गई थीं जो जानलेवा थी। डॉक्टर तो सकते में आए ही , खुद बद्रीलाल भी इस बात से अनजान था कि आखिर ये सुईंया उसके शरीर में आई कैसे ? डॉक्टरों ने बताया कि पिन गले और सांस की नली तक पहुंच गई है। इस कारण जान खतरे में है।
बता दें कि कई बड़े अस्पतालों ने बद्रीलाल का इलाज करने से इंकार कर दिया। आखिर फरीदाबाद के एशियन इस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस अस्पताल ने इस चुनौती को स्वीकार किया और बद्रीलाल का इलाज करने का फैसला किया। एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन से पता चला कि बद्रीलाल के शरीर में 150 से भी ज्यादा पिन हैं।
आखिर डॉक्टरों ने ट्रैक्योस्टोमी तकनीक से बद्रीलाल को बेहोश कर करीब 6 घंटे की सर्जरी करके गले और पेट से करीब 90 सुईयां निकालीं।जिसमें से करीब 87 पिन गले और आसपास के हिस्से से और 3 पिन पेट से निकाली गईं।
लिम्का बुक में दर्ज करायेंगे नाम
अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एनके पांडे कहते हैं, ‘हमारे अस्पताल में अक्सर चुनौतीपूर्ण केस आते हैं, लेकिन ऐसा मामला पहली बार आया। हमने एक टीम बनाकर इस केस पर गहन अध्ययन किया फिर सफलता हासिल की।’ उन्होंने दावा किया कि भारत में इस प्रकार की यह पहली सर्जरी हुई है। इसके लिए अस्पताल का नाम रिप्लेस बिलीव इट और नॉट और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए केस हिस्ट्री भेजी जाएगी।