नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में डेंगू के प्रकोप का पता लगाने और उसकी विस्तृत आकलन रिपोर्ट तैयार करने के वास्ते राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने दस युवा अधिवक्ताओं की एक टीम गठित की है।
एनजीटी की ओर से आज गठित की गई इस टीम के सदस्यों को स्थानीय आयुक्तों का दर्जा दिया गया है। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की विशेष पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन, सभी नगर निगमों ओर दिल्ली पुलिस को इस टीम के साथ पूरा सहयोग करने का आदेश दिया है।
अधिवक्ताओं की टीम गठित करने का फैसला केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वैज्ञानिक महेन्द्र पांडेय की ओर से दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए किया गया है। श्री पांडेय ने याचिका में दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नगर निकाय और प्रशासन डेंगू से निबटने में नाकाम रहे हैं।
गत महीने सभी प्रमुख समाचार पत्रों में यह खबर छपी थी कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार शहर में चिकनगुनिया के 79 और डेंगू के 23 मामले प्रकाश में आए हैं।
हालांकि इस साल नगर निगम और राज्य सरकार काफी सतर्कता बरत रही है और पहले से ही निगरानी शुरु कर दी गई है। मच्छरों के पनपने वाले क्षेत्रों मे साफ सफाई का काम मार्च महीने से ही शुरु कर दिया गया है। जन जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
– वार्ता