साध्वियों से रेप के मामले में रोहतक की जिला जेला में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को जब सजा के फैसले के लिए तैयार किया गया तब तो देखने वाले नजारा था। एक कुर्सी पर जज बैठे थे तो उनके सामने कटघरे में खड़ा था वो व्यक्ति जिसके सामने कभी देश की वह तमाम हस्तियां एक टांग पर खड़ी रहती थी। और इस दंरीदे के चेहरे पर से आज सारी हवाइयां उड़ी पड़ी थी इतना डर आज इसके समाने मंडरा रहा था कि वह अपने मुंह से दो शब्द बोलने लायक नहीं रहा।
आखिकार जुबान ने भी अपना रंग दिखा दिया था। खबरों की माने तो जब कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई तो सबसे पहले सीबीआई के वकीलों ने गुरमीत राम रहीम के काले चिट्ठो को एक-एक करके सामने लाना शुरू किया। जज ने दोनों ही पक्षों को दस-दस मिनट का समय अपनी-अपनी दलील के लिए दिया। इस दौरान सीबीआई के वकीलों ने राम रहीम के लिए सख्त सजा की मांग की।
यह सुनते ही राम रहीम का चेहरे का रंग उड गया। दोनों हाथों से भीख मांगते हुए उन्होंने दलील की वह तमाम लोगों की मदद करते थे। समाज की सेवा के लिए बहुत काम किए है। डेरा प्रमुख के वकीलों ने भी यह बोला की बाबा हमेशा समाज की भलाई के लिए काम करते थे।
दस मिनट तक गुरमीत राम रहीम और उनके वकील जज के सामने डेरे और डेरा प्रमुख के तमाम परोपकारी कामों को गिनवाते रहे, लेकिन सामने बैठे जज पर इन दलीलों का कोई असर होता नहीं दिखा। इसका आभास सामने खड़े डेरा प्रमुख को भी हो गया था।
उन्होंने जज के सामने हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी लेकिन जज ने अपना फैसला पढ़ना शुरू किया। जैसे जैसे जज फैसला पढ़ते रहे सामने खड़े गुरमीत राम रहीम के चेहरे का रंग उड़ता चला गया। जैसे ही जज ने डेरा प्रमुख को दस साल की सजा का ऐलान किया।
जैसे ही फैसला सुना वह कुर्र्सी पकड़ कर नीचे बैठ गए। उनके चेहरे से जैसे आंसुओं की बरसात होनी शुरू हो गई वह आंसुओं को पोंछने की कोशिश करते रहे लेकिन चेहरे पर फिर आंसु आ जाते। जब सबर का बान टूट गया तो वह जज के आगे जोर-जोर से रोने लगे।
जब उन्हें जेल के कर्मचारियों ने जेल ले जाने के लिए उठाया तो वह फर्श पर ही बैठ कर रो रहे थे। बाद में कर्मचारी उन्हें हाथ पकड़कर खींचा और बाहर ले गए। यह नजारा वह था जब एक सल्तनत गिर रही थी और उसका राजा मिट रहा था।