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#MosqueMeToo के जरिये हुआ बड़ा खुलासा ! हज के दौरान महिलाओं के साथ होता है यौन शोषण

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औरतों से जुड़ा कोई न कोई अभियान आता रहता है। हाल ही में एक ऐसा अभियान उन हज महिला यात्रियों के लिए शुरू किया है, जो हज पर जाती तो अपनी मन की शांति के लिए है, लेकिन उनके साथ कितना बुरा हो जाता है ये सिर्फ वही जानती हैं। आपको बता दे कि ये अभियान सिर्फ हज महिला यात्रियों के लिए नहीं बल्कि अन्य धार्मिक स्थानों पर भी जाने वाली महिलाओं के लिए है, जो अपनी आपबीती बताएंगी।

बता दे कि सोशल मीडिया पर यह अभियान #MosqueMeToo नाम से चल रहा है और महिलाएं यौन शोषण से जुड़े अपने अनुभवों को ज़ाहिर कर रही हैं।

महिलाओं के साथ मस्जिदों में हुई यौन उत्पीड़न को उजागर करने वाले इस कैंपेन की शुरुआत पत्रकार और लेखिका मोना एल्ताहवी ने अपने साथ हज यात्रा के समय हुई यौन उत्पीड़न की घटना के बाद की थी। मोना एल्ताहवी के द्वारा इस घटना को उजागर करने के बाद उनके पास लोगों के मैसेज आने लगे।

एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए मोना कहती हैं कि मेरी कहानी पढ़ने के बाद एक मुस्लिम महिला ने अपनी मां के साथ हज यात्रा के समय हुई यौन उत्पीड़न की घटना को विस्तृत रूप से लिखकर मुझे मेल किया था।

इसके बाद दुनिया भर से मुस्लिम पुरुष और महिलाएं इस हैशटैग का इस्तेमाल करने लगे और 24 घंटे के अंदर यह 2000 बार ट्वीट हो गया। यह फारसी ट्विटर पर टॉप 10 ट्रेंड में आ गया। ट्विटर पर अपना अनुभव शेयर करने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें भीड़ में ग़लत तरीके से छुआ गया और पकड़ने की कोशिश की गई।

मस्जिदों में महिलाओं के साथ हुए घटनाओं को उजागर करने वाले इस कैंपेन के लिए ट्विटर पर @reallyHibbs हैंडल से लिखा गया कि जब मैं जामा मस्जिद में गई तो एक व्यक्ति ने मेरी छाती पर हाथ मारने का प्रयास किया था। उस समय उन्होंने इस संबंध में किसी से भी बात नहीं की थी क्योंकि लोगों को उस समय लगता कि मैं इस्लामोफोबिया का समर्थन कर रही हूं।

वहीं @djenanggulo हैंडल के साथ एक महिला ने लिखा कि सऊदी अरब में स्थित मस्जिद नवाबी से कुछ फीट की दूरी पर ही एक व्यक्ति ने उनका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया था।

@NewtmasGrape हैंडल से लिखा कि जब वह मात्र 10 साल की उम्र में थीं तब एक मस्जिद में एक व्यक्ति ने पीछे से उनके अंगों को बुरी तरह से छुआ था ।

वहीं एक यूजर एंग्गी लेगोरियो ने ट्विट किया, ”मैंने #MosqueMeToo के बारे में पढ़ा। हज 2010 मैंने ऐसा कुछ देखा भी था। लोग सोचते हैं कि मक्का मुस्लिमों के लिए एक पवित्र जगह इसलिए वहां कोई कुछ गलत नहीं करेगा। लेकिन ऐसा नहीं है।

आपको बता दे कि अब तक दुनिया भर में मुस्लिम पुरुष और महिलाओं ने इस हैशटैग को 24 घंटे के अंदर 2000 बार ट्वीट कर चुके है। बता दें, फारसी ट्विटर पर ये अभियान टॉप 10 ट्रेंड में आ गया है।

हालांकि, सभी #MosqueMeToo अभियान का समर्थन नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर ऐसे मुद्दे को उठाने के लिए मॉना ट्हावी की आलोचना कर रहे हैं।

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