औरतों से जुड़ा कोई न कोई अभियान आता रहता है। हाल ही में एक ऐसा अभियान उन हज महिला यात्रियों के लिए शुरू किया है, जो हज पर जाती तो अपनी मन की शांति के लिए है, लेकिन उनके साथ कितना बुरा हो जाता है ये सिर्फ वही जानती हैं। आपको बता दे कि ये अभियान सिर्फ हज महिला यात्रियों के लिए नहीं बल्कि अन्य धार्मिक स्थानों पर भी जाने वाली महिलाओं के लिए है, जो अपनी आपबीती बताएंगी।
बता दे कि सोशल मीडिया पर यह अभियान #MosqueMeToo नाम से चल रहा है और महिलाएं यौन शोषण से जुड़े अपने अनुभवों को ज़ाहिर कर रही हैं।
महिलाओं के साथ मस्जिदों में हुई यौन उत्पीड़न को उजागर करने वाले इस कैंपेन की शुरुआत पत्रकार और लेखिका मोना एल्ताहवी ने अपने साथ हज यात्रा के समय हुई यौन उत्पीड़न की घटना के बाद की थी। मोना एल्ताहवी के द्वारा इस घटना को उजागर करने के बाद उनके पास लोगों के मैसेज आने लगे।
एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए मोना कहती हैं कि मेरी कहानी पढ़ने के बाद एक मुस्लिम महिला ने अपनी मां के साथ हज यात्रा के समय हुई यौन उत्पीड़न की घटना को विस्तृत रूप से लिखकर मुझे मेल किया था।
A Muslim woman emailed me after she read my thread about being sexually assaulted at Haj to share her mother’s experience with sexual assault at Haj. She sent me a poem that broke all the pieces I though I had stitched together. I was crying as I replied to her.
— Mona Eltahawy (@monaeltahawy) February 9, 2018
इसके बाद दुनिया भर से मुस्लिम पुरुष और महिलाएं इस हैशटैग का इस्तेमाल करने लगे और 24 घंटे के अंदर यह 2000 बार ट्वीट हो गया। यह फारसी ट्विटर पर टॉप 10 ट्रेंड में आ गया। ट्विटर पर अपना अनुभव शेयर करने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें भीड़ में ग़लत तरीके से छुआ गया और पकड़ने की कोशिश की गई।
मस्जिदों में महिलाओं के साथ हुए घटनाओं को उजागर करने वाले इस कैंपेन के लिए ट्विटर पर @reallyHibbs हैंडल से लिखा गया कि जब मैं जामा मस्जिद में गई तो एक व्यक्ति ने मेरी छाती पर हाथ मारने का प्रयास किया था। उस समय उन्होंने इस संबंध में किसी से भी बात नहीं की थी क्योंकि लोगों को उस समय लगता कि मैं इस्लामोफोबिया का समर्थन कर रही हूं।
वहीं @djenanggulo हैंडल के साथ एक महिला ने लिखा कि सऊदी अरब में स्थित मस्जिद नवाबी से कुछ फीट की दूरी पर ही एक व्यक्ति ने उनका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया था।
I read about #MosqueMeToo. It brought me to horrible memories during Hajj 2010. People think Mecca is the holiest place for Moslems so nobody would not do something bad. Totally wrong.
— Anggi Lagorio (@AnggiAngguni) February 6, 2018
@NewtmasGrape हैंडल से लिखा कि जब वह मात्र 10 साल की उम्र में थीं तब एक मस्जिद में एक व्यक्ति ने पीछे से उनके अंगों को बुरी तरह से छुआ था ।
I was 10 years old and I thought my sister was gripping my hips as not to lose me in the huge crowd after Jumaa prayer. But my sister was next to me and those turned out to not be my sister’s hands.
He didn’t move until she elbowed him away.
— K R (@NewtmasGrape) February 9, 2018
वहीं एक यूजर एंग्गी लेगोरियो ने ट्विट किया, ”मैंने #MosqueMeToo के बारे में पढ़ा। हज 2010 मैंने ऐसा कुछ देखा भी था। लोग सोचते हैं कि मक्का मुस्लिमों के लिए एक पवित्र जगह इसलिए वहां कोई कुछ गलत नहीं करेगा। लेकिन ऐसा नहीं है।
I read about #MosqueMeToo. It brought me to horrible memories during Hajj 2010. People think Mecca is the holiest place for Moslems so nobody would not do something bad. Totally wrong.
— Anggi Lagorio (@AnggiAngguni) February 6, 2018
आपको बता दे कि अब तक दुनिया भर में मुस्लिम पुरुष और महिलाओं ने इस हैशटैग को 24 घंटे के अंदर 2000 बार ट्वीट कर चुके है। बता दें, फारसी ट्विटर पर ये अभियान टॉप 10 ट्रेंड में आ गया है।
हालांकि, सभी #MosqueMeToo अभियान का समर्थन नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर ऐसे मुद्दे को उठाने के लिए मॉना ट्हावी की आलोचना कर रहे हैं।
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