Bangladesh Politics : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी(Jamaat-e-Islami) और इसकी छात्र इकाई इस्लामी छात्र शिबिर से प्रतिबंध हटा दिया। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान उस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
Jamaat-e-Islami : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी और इसकी छात्र इकाई इस्लामी छात्र शिबिर से प्रतिबंध हटा दिया। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान उस पर प्रतिबंध लगा दिया था।गृह मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा कि यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा और संगठन के खिलाफ कोई खास सबूत मौजूद नहीं है।पूर्ववर्ती अवामी लीग सरकार ने एक अगस्त, 2024 को जमात पर प्रतिबंध लगा दिया था और इस्लामी पार्टी पर चरमपंथी एवं आतंकवादी संगठन होने का आरोप लगाया था।
Bangladesh Politics : अधिसूचना में कहा गया कि आतंकवाद निरोध कानून, 2009 के तहत लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया गया है क्योंकि संगठन के खिलाफ कोई खास सबूत नहीं है।बुधवार को एक राजपत्र अधिसूचना में औपचारिक रूप से प्रकाशित यह फैसला पूर्ववर्ती अवामी लीग सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि वह अवामी लीग या किसी अन्य राजनीतिक दल पर प्रतिबंध के आह्वान का विरोध करते हैं, जब तक कि आतंकवादी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता का कोई ठोस सबूत न हो।
Bangladesh Politics : संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, हिंसक विरोध प्रदर्शनों और हसीना सरकार की कार्रवाई में 600 से अधिक लोग मारे गए।प्रतिबंध हटाए जाने के बाद जमात-ए-इस्लामी को अपनी गतिविधियां फिर शुरू करने का रास्ता मिल गया।पार्टी के नेतृत्व की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जमात-ए-इस्लामी पर 2013 से तब से चुनावों में भाग लेने पर रोक है, जब आयोग ने उसका पंजीकरण रद्द कर दिया था और उच्च न्यायालय ने इस निर्णय को बरकरार रखा था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि पार्टी ने धर्मनिरपेक्षता का विरोध करके संविधान का उल्लंघन किया है।
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