27 बार पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक लड़ा चुनाव, 28वीं बार फिर आजमा रहा किस्मत

27 बार पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक लड़ा चुनाव, 28वीं बार फिर आजमा रहा किस्मत
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<strong>मध्यप्रदेश के ग्वालियर का एक चाय वाला इन दिनों काफी सुर्खियों में है।</strong>
मध्यप्रदेश के ग्वालियर का एक चाय वाला इन दिनों काफी सुर्खियों में है।
 <strong>इसका कारण है उनका चुनाव जितने के प्रति जूनून है। क्योंकि उन्होंने चुनाव में इस बार 28वीं बार अपना नामंकन कराया है।</strong>
इसका कारण है उनका चुनाव जितने के प्रति जूनून है। क्योंकि उन्होंने चुनाव में इस बार 28वीं बार अपना नामंकन कराया है।
<strong>आनंद सिंह कुशवाहा 1994 से चुनाव लड़ रहे हैं। वह अभी तक 27 बार पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें कभी जीत नहीं मिला।</strong>
आनंद सिंह कुशवाहा 1994 से चुनाव लड़ रहे हैं। वह अभी तक 27 बार पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें कभी जीत नहीं मिला।
 <strong>हालांकि उन्होंने कभी हार नहीं मानी। मध्यप्रदेश में जब भी कोई न कोई चुनाव आये तो उसमें वह उम्मीदवार के रूप में जरूर खड़े हुए हैं।</strong>
हालांकि उन्होंने कभी हार नहीं मानी। मध्यप्रदेश में जब भी कोई न कोई चुनाव आये तो उसमें वह उम्मीदवार के रूप में जरूर खड़े हुए हैं।
<strong>इस बार वह 28वीं बार अपना लक ग्वालियर से BSP के टिकट पर लड़कर अजमा रहे हैं।</strong>
इस बार वह 28वीं बार अपना लक ग्वालियर से BSP के टिकट पर लड़कर अजमा रहे हैं।
 <strong>वह नीली टोपी, नीले कपड़े और नीले जूते पहनकर अपनी साइकिल से कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया।</strong>
वह नीली टोपी, नीले कपड़े और नीले जूते पहनकर अपनी साइकिल से कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया।
<strong>बता दें, आनंद कुशवाह अपनी तुलना देश के पीएम नरेंद्र मोदी से करते हैं क्योंकि वे खुद भी चाय की दुकान चलाते हैं।</strong>
बता दें, आनंद कुशवाह अपनी तुलना देश के पीएम नरेंद्र मोदी से करते हैं क्योंकि वे खुद भी चाय की दुकान चलाते हैं।
<strong>उनका कहना है, जब चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं, तो मेरी भी एक दिन किस्मत बदलेगी।</strong>
उनका कहना है, जब चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं, तो मेरी भी एक दिन किस्मत बदलेगी।
<strong>आनंद बताते है, एक बार पार्षद के चुनाव में उनके समाज के नेता और मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा से विवाद हो गया था।</strong>
आनंद बताते है, एक बार पार्षद के चुनाव में उनके समाज के नेता और मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा से विवाद हो गया था।
 <strong>इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि इसका बदला लेने के लिए वह चुनाव लड़ते रहेंगे। क्योंकि कभी तो ईश्वर उनकी सुनेगा।</strong>
इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि इसका बदला लेने के लिए वह चुनाव लड़ते रहेंगे। क्योंकि कभी तो ईश्वर उनकी सुनेगा।

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