Rajasthan Elections 2023 : राजस्थान में इस बार बीजेपी जीत की तरफ आगे बढ़ रही है। इसी के साथ बीजेपी राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। अभी तक रुझानों में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी बीजेपी ने बहुमत हासिल की है। जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने चुनावी प्रचार में उन पांच मुद्दों को भुनाया जो बीजेपी को जीत के रास्ते ले गयी।
दरअसल बीजेपी ने राजय में चुनावी प्रचार के दौरान पेपर लीक, लाल डायरी, भ्रष्टाचार, मोदी की गारंटी, महिला अपराध और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को जोरों-शोरों से उठाया। इसी के साथ अशोक गहलोत ने भी स्वास्थ्य बीमा की लिमिट 50 लाख करने की गारंटी दी, सस्ते सिलेंडर समेत कई और वादे किए लेकिन इस बार गहलोत का जादू नहीं चल पाया।
लाल डायरी राजस्थान के लिए कोई नया मुद्दा नहीं है। इस मुद्दे को पीएम मोदी ने राज्य में चुनावी प्रचार के दौरान उछाला। बता दें कि राजस्थान सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढा ने इसमें विधायकों की खरीद का लेखा जोखा होने का दावा किया था। डायरी जब्त कर जब उन्हें सदन से बाहर निकला गया तो उन्होंने ऐसी एक और डायरी होने की बात कही थी। पीएम मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था कि जैसे-जैसे डायरी के पन्ने खुल रहे हैं, जादूगर के चेहरे की हवाइयां उड़ती जा रही हैं। पीएम ने कहा था, "उस लाल डायरी में साफ-साफ लिखा है कि अशोक गहलोत ने कैसे इन पांच सालों में आपके जल, जंगल और जमीन बेचीं है। "
उदयपुर में 28 जून 2022 को एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कन्हैयालाल टेलर की गला काट कर हत्या कर दी गयी थी। प्रचार के दौरान बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया था और राजस्थान सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये थे।
पिछले साल दिसंबर में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। इसके बाद कई और परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई थीं। प्रचार के दौरान पीएम ने कहा था कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद राज्य में हुए सभी घोटालों की जाँच की जाएगी और गुनहगारों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा। उन्होंने अशोक गहलोत पर आरोप लगाया था और कहा था कि वो खुद को जादूगर समझते हैं और उन्होंने अपनी जादूगरी से भ्रष्टाचार फैलाया है। अगर बड़े कोचिंग सेंटर्स पर छापेमारी की जाए तो मुख्यमंत्री के करीबियों का नाम निकल कर सामने आएगा।
चुनावो के दौरान ईडी ने दो नेताओ के घर छापेमारी की थी। ईडी ने राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला के घर पेपर लीक मामले को लेकर छापेमारी की थी। बता दें कि ओमप्रकाश हुडला को इस बार कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा था। छापेमारी के बाद डोटासरा ने बताया था कि उस दिन अधिकारीयों ने उनसे एक भी सवाल नहीं किया न उनका कोई बयान दर्ज किया गया।
इन मुद्दों के आलावा पार्टी में गुटबंदी भी देखने को मिली थी। मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और सचिन पायलट के बीच जो अनबन हुई वो छुपाए नहीं छिपी। इसका असर पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भी देखने को मिला। हालाँकि राहुल गाँधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दोनों को मिलाने की कोशिश की और जनता के बीच एक होने का संदेश दिया लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को नहीं मिला।
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