लुधियाना-फाजिलका : पंजाब में कोरोना संक्रमित मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे है, इनमें कई श्रद्धालु हुजूर साहिब के है। जिनसे आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। इसी बीच भारत- पाकिस्तान सीमावर्ती जिले फाजिलका में पंजाब के पड़ोसी राज्य राजस्थान से वापिस पहुंचे मजदूरों के फरार होने की खबर है। इन मजदूरों को पंजाब सरकार ने पड़ोसी राज्य राजस्थान से कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते घर वापिसी करवाई थी, इसी दौरान करीब 112 मजदूरों को 3 बसों के जरिए सीमावर्ती इलाके फाजिलका में देर रात लाया गया था, जहां पहले इन मजदूरों द्वारा फाजिलका बस स्टैंड के बाहर रोष स्वरूप धरना दे दिया गया और प्रदर्शन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के आने से पहले सभी मजदूर मोके का फायदा उठाते हुए फरार हो गए। हालांकि प्रशासनिक आदेशों के मुताबिक एक राज्य से दूसरे राज्य में दाखिल होने वाले मजदूरों , विद्यार्थियों या फिर श्रद्धालुओं को स्क्रीनिग, तापमान चैकअस करके अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर में क्वाटराइन करने का आदेश है किंतु उचित व्यवस्था और फैसलों में देरी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
मजदूरों के आरोप थे कि सरकार और प्रशासन द्वारा ना तो उनके रहने की व्यवस्था की गई और ना ही उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया, जिस कारण उन्होने यह प्रदर्शन किया। उनका यह भी कहना था कि उनके साथ लड़कियां और छोटे-छोटे बच्चे है, जो पिछले कई दिनों से भूखे है। जिसको लेकर वह अपने अपने घरों की ओर वापिस जा रहे है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान से निकलते वक्त और रास्ते में कई स्थानों पर उनकी मेडिकल जांच भी हो चुकी है, जबकि फाजिलका थाना सिटी पुलिस प्रमुख राजिंद्र कुमार द्वारा मोके की स्थिति को संभालने की तमाम कोशिशें की गई लेकिन अचानक आसमान से तेजी से आई तेज हवाओं और अंधेरी का फायदा उठाते हुए 112 मजदूर मोके से भाग निकले। इस मामले को लेकर पुलिस ने कुछ मजदूर नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन नेताओं पर मजदूरों को गुमराह करने के आरोप भी लगे है। फिलहाल पुलिस इस तमाम मामले की जांच में जुटी है।
खबर लिखे जाने के दौरान यह भी पता चला है कि पुलिस ने फरार हुए कई मजदूरों को परिवारों सहित ढूंढ निकाला है, जिन्हें नियमित जांच के दौरान 14 दिनों के लिए फिरोजपुर रोड़ पर स्थित राधा स्वामी सत्संग घर में एकांतवास हेतु भेज दिया है।
– सुनीलराय कामरेड