लुधियाना-होशियारपुर : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह आज सुबह होशियारपुर के नजदीक पुलिस भर्ती ट्रेनिंग सेंटर जहानखेलां में हुई पासिंग आउट परेड में शिरकत करके पुलिस के जवानों और अधिकारियों की हौसला अफजाई के दौरान परेड को सलामी भी दी। इस दौरान ट्रेनिंग हासिल करने उपरांत 2068 नए जवान पुलिस में शामिल किए गए।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सोमवार को पुलिस कर्मचारियों के लिए यकीनन सेवा उन्नति (ऐसीउर्ड केरियर प्रोगेशन) के लिए एक रैंक अप प्रमोशन स्कीम की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के लागू होने से पंजाब पुलिस में तैनात कोई भी कर्मचारी एएसआई की पदवी पर पहुंचने से पहले सेवामुक्त नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने इस बात की चिंता जाहिर की कि पुलिस में हैड कोंसटेबल और नान गस्टिस अधिकारियों के रैंकों में अंतर आ जाने के कारण फोर्स में निराशा बढ़ी थी, क्योंकि बहुत से पद खाली होने और योगय पुलिस मुलाजिम होने के बावजूद उन्हें पदोन्नति नहीं मिल पा रही थी। एसीपी स्कीम की रस्मी शुरूआत के तौर पर उन्होने तरक्की करने वाले 14 नए पुलिस अधिकारियों के कंधों पर स्टार लगाएं। इस स्कीम के तहत 16 वर्षो की नोकरी के बाद हैड कोंसटेबल और असिसटेंट सब इंस्पेक्टर, 24 साल की नौकरी से असिस्टेंट सब इंसपेक्टर से सब इंस्पेक्टर और 30 साल की नौकरी के बाद सब इंसपेक्टर से इंसपेक्टर के तौर पर तरक्की का प्रबंध किया गया है।
पीआरटीसी में भर्ती किए गए जवानों को दी जाने वाली ट्रेनिंग को इंडियन मिलट्री एकेडमी और नैशनल डिफेंस एकेडमी जैसी संस्थाओं के बराबर बताते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रेनिंग सेंटर को मौजूदा विस्तार के लिए अपडेशन करते हुए बजट के 5 करोड़ रूपए और अपनी तरफ से फंड में से 50 लाख रूपए पुलिस कर्मचारियों और उनके परिवारों की भलाई के लिए दिए जाने की घोषणा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 9 महीनों की सख्त ट्रेनिंग के बाद पास आउट कर चुके 255 बैच के जवानों द्वारा शानदार सलामी दी गई।
उन्होंने अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भी मिलट्री केरियर के दौरान नैशनल डिफेंस अकादमी पर 3 साल और इसके बाद इंडियन मिलट्री अकादमी में 1 साल की ट्रेनिंग ली थी। मुख्यमंत्री ने पुलिस द्वारा राज्य से आतंकवाद को खत्मक करने के लिए लड़ाई के समय को याद करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस ने 1800 शहादते देकर अमन शांति कायम की थी। उन्होंने कहा कि 1964 में पंजाब पुलिस की 4 टुकडिय़ों ने हजरत बल में कानून और अमन शांति को कायम करने के लिए भेजा गया था। उस वक्त वह भी सेना अधिकारी के तौर पर मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड