लुधियाना-जगननाथ पुरी : गुरू घर की लाडली फौज के नाम से विख्यात 5 निहंग सिंहों ने पंजाब से तीन हजार कि.मी. दूर उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी स्थित गुरूनानक देव जी से संबंधित इतिहासिक और पावन स्थल ‘मंगू मठ’ से सरकारी तंत्र द्वारा जबरी उतारे गए पवित्र निशान साहिब को पुन: स्थापित करके सिख रिवायतों को कायम रखा।
इस दौरान भनक लगते ही भारी संख्या में उड़ीसा पुलिस, खुफिया एजेंसियां और प्रशासनिक अधिकारी मोके पर पहुंचे और निहंग सिंहों को मान-मुवकल के उपरांत उन्हें हिरासत में लेकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। सूत्रों के मुताबिक घटना स्थल से 60 कि.मी. दूर भुवनेश्वर में निहंग सिहों के इस टोले को सरकारी आदेशों उपरांत छोड़ दिया गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीले बाने में सुशोभित निहंग सिंहों के इस दल ने ‘मंगू मठ ’ की छत पर चढक़र ना केवल शस्त्र लहराएं बल्कि उड़ीसा सरकार द्वारा गलियारे बनाने के नाम से उतारे गए खंडा साहिब को स्नान करवाकर नीले वस्त्र पहनाकर निशान साहिब के रूप में विधिपूर्वक सुशोभित किया और इस दौरान उन्होंने 5 वाणियों का नितनेम का उच्चारण भी किया।
स्मरण रहे कि गुरू नानक पातशाह जी की यादगर के रूप में पहचाने जाने वाले मंगू मठ जिसे जगननाथ पुरी मंदिर के गलियारों के लिए उड़ीसा सरकार द्वारा तोड़ा जा रहा है उसी स्थल पर मोर्चा लगाकर खंडा साहिब स्थापित किया है। पिछले दिनों उड़ीसा सरकार द्वारा कैरीडोर बनाने के नाम पर की गई तोडफ़ोड़ के दौरान उतारे गए खंडा साहिब और इतिहासिक स्थल जहां कभी ग्रंथ साहिब का पाठ होता रहा है, और इसी स्थल पर श्री गुरू नानक देव जी ने प्रथम उदासी के दौरान 1506 में आरती उच्चारण की थी और यहां 24 से 27 दिनों तक विश्राम किया था।
निहंग सिंहों के इस टोले में से निहंग जबर-जंग सिंह के मुताबिक जगनन्नाथ पुरी के प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि स्थापित किए गए खंडा साहिब के बारे में उन्हें अधिक ज्ञान नहीं था। अब उच्च अधिकारियों को अवगत करवाकर इसे यथा स्थिति में रखा जाएंगा। उनकी पुन: निर्माण की शर्तो को हाई अथॉरटी तक पहुंचा दी जाएंगी।
निहंग सिंहों के मुताबिक उनकी बातचीत उड़ीसा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों से हुई है और उन्हीं के आश्वासन पर उन्होंने मगू मठ की छत से नीचे उतरने का निर्णय किया है। निहंग सिंहों के मुताबिक उन्होंने गुरू घर के ध्वज खंडा साहिब को स्थापित करने का निर्णय जोड़ मेेले के दौरान समूहिक रूप से लिया था। इस दौरान इस कार्यवाही से पहले उन्होंने पटना साहिब में जाकर सफलता के लिए अरदास के दौरान माथा टेका था। निहंग सिंहों के इस टोले में जबर जंग सिंह के अतिरिक्त रमन सिंह, राज सिंह और बाबा तेजा सिंह भी बताएं जा रहे है, जिन्होंने इस समस्त कार्यवाही को सोशल मीडिया पर लाइव होकर दिखाया था।
– सुनीलराय कामरेड