लुधियाना-अमृतसर : जगत गुरू श्री गुरूनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व सूबे भर के इतिहासिक गुरूद्वारा साहिबों में बड़ी श्रद्धा और सत्कार के साथ मनाया गया। सुबह-सवेरे से ही कीर्तन जत्थों द्वारा संगत को श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की अनहद वाणी के साथ जोड़े रखा।
कविसर जत्थे अपने वारां के द्वारा संगत को सिख इतिहास के बारे में जानकारी देते दिखे। प्रकाश पर्व के पावन मोके पर श्री हरिमंदिर साहिब में सिख संगत नतमस्तक होने पहुंची। श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी में सुंदर जलौ सजाएं गए। जिसे देखकर संगत निहाल हुई।
श्री आनंदपुर साहिब में पंजाब सरकार की तरफ से बड़ा समागम करवाकर संगत को गुरू जी के फलसफे की जानकारी दी गई वही अलग-अलग संस्थानों द्वारा गुरू साहिब के इस पावन दिवस को मनाने का यत्न करते हुए संगत को जोडऩे के लिए यत्न किए गए।
पंजाब सरकार के अंतर्गत चल रहे विश्व प्रसिद्ध विरासत-ए-खालसा में पहुंचकर सैलानियों ने 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित मनमोहक लाइटिंग और प्रदर्शनी ‘रबाब और नगारा’ का आनंद माना और बहुमूल्य जानकारी हासिल की। स्मरण रहे कि विरासत-ए-खालसा जो दुनिया भर में एक अलग पहचान बना चुका है, उसमें गुरूनानक देव जी की विचार धारा और उनके जीवन तथा उनके द्वारा फलसफे को दर्शाकर गैलरियों में संगत को बहुमूल्य जानकारी दी गई।
इसके अलावा इतिहासिक गुरूद्वारों समेत पंजाब के समस्त शहर लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पटियाला, बठिण्डा से भी गुरू पर्व मनाए जाने की खबरें प्राप्त हुई है। इसी दौरान पंजाब के सीमावर्ती कस्बे तरणतारन, अजनाला, पटटी, ममदोट, खेमकरण, फाजिलका आदि में भी आज सुबह-सेवरे से ही संगत नगर कीर्तन के रूप में पवित्र वाणी का उच्चारण करते दिखे।
इसी दौरान नौजवानों और बच्चों ने नहा-धोकर प्रकाश पर्व के आगमन पर पटाखे फोड़े तो गतका अखाड़ों के सिंहों ने अपनी-अपनी कलां के जौहर दिखाएं। स्थान-स्थान पर लंगर प्रसादें बंटते दिखे। यू कहां जाएं कि समस्त पंजाब में देश के अन्य हिस्सों की भांति श्रद्धा का सैलाब उमड़ा हुआ था। देर शाम सूरज ढ़लते ही सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में गुरूनानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर दीपमाला का अलोकिक नजारा देखने को मिला, जिसमें संगत भारी संख्या में नतमस्तक हुई। इस अवसर संगत द्वारा गुरू घर में उपस्थिति दर्ज करवाई जा रही है।
पंजाब के खेत-खलिहानों और तारकोल की पक्की सडक़ों पर सजे गुरूद्वारा साहिब में आस्था और श्रद्धा का अपार सैलाब फैला हुआ है। चहुं ओर गुरु की वाणी जैसे गूंज रही है। ऐसा लगता है गुरु श्री नानकदेव जी आशीष से लाखों की संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं को निहाल कर रहे हैं और सन्मार्ग दिखा रहे हैं। गुुरु श्री नानकदेव के 550वें प्रकाश उत्सव पर नानक नगरी में संगतों का सैलाब उमड़ पड़ा है। पूरे सुल्तानपुर लोधी को बहुत सुंदर तरीके से सजाया गया है। देश और विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे।
– सुनीलराय कामरेड