लुधियाना-फगवाड़ा : पंजाब के मालवा और माझा के मध्य सतलुज दरिया के पास बसे फगवाड़ा में रहने वाली 6 माह की नन्ही बच्ची रितिका जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी, की वीरवार को मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि बच्ची के दिल में छेद था और हार्ट सर्जरी के लिए उसे लुधियाना में दाखिल करवाया गया। फिर डॉक्टरों की सलाह के उपरांत जिंदगी बचाने के लिए उसे लुधियाना से पीजीआई के लिए चंडीगढ़ भेज दिया और वह कल से ही वेंटीलेटर पर थी। बच्ची को एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में टैस्ट के दौरान कोरोना पॉजीटिव पाया गया। जिसके बाद पूरे राज्य के लोगों में सहानुभूति की लहर उत्पन्न हो गई। लाखों हाथ उसकी जिंदगी बचाने के लिए रब्ब की खिदमत में उठे, फिर भी लाख कोशिशों के बाद उसे बचाया ना जा सका। फिलहाल उसे क ोरोना कैसे हुआ? जांच का विषय है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने उसके पिता रामू समेत उसकी मां और नाना तक का कोरोना टैस्ट किया है। यहां बताना जरूरी है कि पंजाब में अब तक कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा 17 तक जा पहुंचा है।
डॉक्टरी सूत्रों के मुताबिक बच्ची का रात को ही बाथरूम आना बंद हो गया था और वह गुलूकोज पर थी। उसे फिड भी नहीं दी जा रही थी। बच्ची में इन्फेक्शन इतना बढ़ गया कि उसकी मौत हो गई। स्मरण रहे कि डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए 9 अप्रैल को लुधियाना स्थित अस्पताल में दाखिल करवाया था। कहा जाता है कि वेंटीलेटर पर रितिका अकेली थी और बीच में उसकी मां को दूर से ही देखने के लिए भेजा जा रहा था। मां-बाप समेत नाना-नानी का टैस्ट भी हुआ किंतु परिणाम सामने आने पर संतोषजनक निकले। अब सवाल उठता है कि आखिर मासूम रितिका को कोरोना कैसे हुआ? कहते है जिस वक्त रितिका का जन्म हुआ, उसका वजन ढाई किलो था और अब 6 माह की होने के बावजूद 3 किलो से आगे नहीं बढ़ी। कहा तो यह भी जाता है कि जब मासूम बच्ची की तबीयत बिगड़ी तो उसे अभिभावकों ने जालंधर के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए ले गए थे, जहां करीब 36 दिन बच्ची का इलाज चला, और फिर उसका हार्ट फेलियर होने की शंका जताई गई, जहां पीजीआई रेफर किया गया।
कहते है कि रामू की दयनीय स्थिति देखते हुए जालंधर के डीएम से उसका पास बना और एम्बूलेस से वह पीजीआई पहुंचा था। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची के दिल में छेद है और उसकी हार्ट सर्जरी होनी थी लेकिन इससे पहले ही उसके शरीर में इनफे क्शन हो गया। हालांकि उसमें बुखार के लक्षण नहीं दिखाई दिए, लेकिन उसके शरीर के कई हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया। डॉकटरों को शंका हुई तो उसका कोरोना टैस्ट किया गया और शंका सही निकली, जिससे स्पष्ट है कि बच्ची कोरोना की भेंट चढ़ गई।
उधर बच्ची के पॉजिटिव पाए जाने के बाद पीडियाट्रिक सेंटर के कुल 18 डॉक्टर, 15 नर्सिंग ऑफिसर, 13 स्टाफ अटेंडेंट, दो फीजियोथेरेपिस्ट, छह एक्सरे टेक्निशियन समेत 54 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
– सुनीलराय कामरेड